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सोमवार, 9 जून, 2025
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प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण कश्मीर रेल परियोजना पूरी हुई: रेल मंत्री वैष्णव

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कटरा, पांच जून (भाषा) रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से एक दशक से अधिक समय में दिखाई गई राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली 272 किलोमीटर लंबी उधमपुर-बारामूला-श्रीनगर रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना पूरी हो सकी।

प्रधानमंत्री शुक्रवार को चेनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल और देश के पहले ‘केबल-स्टेड रेलवे पुल’ अंजी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद वह दो वंदे भारत ट्रेन (पहली कटरा से श्रीनगर और दूसरी कश्मीर से कटरा) को हरी झंडी दिखाएंगे।

मोदी त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में जाने वाले तीर्थयात्रियों के आधार शिविर कटरा में 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे और उन्हें राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

वैष्णव ने यहां संवाददाताओं से कहा, “जब आपको यूएसबीआरएनएल जैसी परियोजना पूरी करनी होती है, तो इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की जरूरत होती है। 2004 से 2014 तक इस परियोजना के तहत मैदानी क्षेत्रों में रेलवे ट्रैक का निर्माण पूरा किया गया, जबकि दुर्गम क्षेत्रों में कोई काम नहीं किया गया।”

उन्होंने कहा, “मोदी ने राजनीतिक इच्छाशक्ति के प्रदर्शन के अलावा तकनीकी टीमों का मार्गदर्शन एवं समर्थन किया और यही कारण है कि यह बहुत पुराना सपना आज पूरा हो रहा है।”

कश्मीर को रेल मार्ग से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने की महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम 1997 में शुरू हुआ था। हालांकि, भूवैज्ञानिक, स्थलाकृतिक और मौसम संबंधी चुनौतियों के कारण परियोजना को पूरा करने की समयसीमा कई बार बढ़ाई गई, जिससे इसकी लागत बढ़ गई और यह 41,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि में पूरी हो पाई।

कुल 272 किलोमीटर लंबी यूएसबीआरएल परियोजना के 209 किलोमीटर हिस्से का काम विभिन्न चरणों में पूरा किया गया। 118 किलोमीटर लंबे काजीगुंड-बारामूला खंड का पहला चरण अक्टूबर 2009 में पूरा हुआ। इसके बाद 18 किलोमीटर लंबा बनिहाल-काजीगुंड खंड जून 2013 में, 25 किलोमीटर लंबा उधमपुर-कटरा खंड जुलाई 2014 में और 48.1 किलोमीटर लंबा बनिहाल-संगलदान खंड पिछले वर्ष फरवरी में पूरा हुआ। 46 किलोमीटर लंबे संगलदान-रियासी खंड का काम भी पिछले साल जून में पूरा हो गया था, जबकि रियासी और कटरा के बीच 17 किलोमीटर का हिस्सा बचा था, जो आखिरकार पिछले साल दिसंबर में पूरा हुआ।

वैष्णव ने कहा कि नदी तल से 359 मीटर ऊपर स्थित 1.3 किलोमीटर लंबा चेनाब रेलवे पुल पेरिस के प्रतिष्ठित एफिल टॉवर से 35 मीटर ऊंचा है और कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर के मार्ग में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि यह कई चुनौतियों को पार करने के बाद पूरा किया गया एक बहुत बड़ा तकनीकी चमत्कार है।

मंत्री ने कहा, “अगर तकनीकी मापदंडों की बात की जाए, तो इस पुल को 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बहने वाली हवा को झेलने के लिए डिजाइन किया गया है। चूंकि, यह पुल भूकंपीय क्षेत्र पांच में आता है, इसलिए इसका डिजाइन तैयार करना एक जटिल प्रक्रिया थी।”

मंत्री ने कहा कि पुल की नींव फुटबॉल मैदान के आधे हिस्से के बराबर है और इसके निर्माण में 30,000 टन इस्पात का इस्तेमाल किया गया है।

भाषा पारुल माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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