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Friday, 22 November, 2024
होमदेशकर्नाटक में एक और कालेज ने हिजाब के मसले पर छात्राओं के लिए बंद किए गेट, बाकी संस्थानों में भी विरोध शुरू

कर्नाटक में एक और कालेज ने हिजाब के मसले पर छात्राओं के लिए बंद किए गेट, बाकी संस्थानों में भी विरोध शुरू

कुंडापुर स्थित एक कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं के लिए अपने गेट बंद कर दिए हैं जिनका कहना है कि उन्हें क्लास में प्रवेश की अनुमति दी जाए. उधर, सरकार यूनिफॉर्म ड्रेस कोड तय करने के लिए एक समिति बना रही है.

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बेंगलुरू: हिजाब बनाम भगवा स्कार्फ का विवाद कर्नाटक के और ज्यादा कालेजों में फैलने लगा है, जिसकी वजह से एक कालेज में कथित तौर पर हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही. वहीं, कम से कम दो अन्य कालेजों में हिंदू छात्र भगवा स्कार्फ पहनकर विरोध जता रहे हैं.

कुंडापुर स्थित सरकारी पीयू कालेज के अधिकारियों ने गुरुवार को कथित तौर पर हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं के लिए गेट बंद कर दिए. छात्राओं का कहना है कि उन्हें हिजाब पहनकर क्लास में शामिल होने की अनुमति दी जानी चाहिए. यह कदम राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा सभी सरकारी कालेजों से ड्रेस कोड पर ‘यथास्थिति’ बनाए रखने को कहे जाने के बाद उठाया गया है.

कालेज में प्रवेश पर रोक के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मुस्लिम स्टूडेंट कथित तौर पर प्रिंसिपल रामकृष्णा बी.जी. से यह सवाल पूछते देखे जा सकते हैं, ‘परीक्षा में सिर्फ दो महीने और बचे हैं. आप हमारा भविष्य और जीवन क्यों बर्बाद कर रहे हैं? पहले ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं था. आपने अचानक नियम क्यों बदल दिए?’

दिप्रिंट ने प्रिंसिपल रामकृष्ण बी.जी. से फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिये इस मामले पर प्रतिक्रिया जाननी चाही लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया.

दूसरी तरफ, कथित तौर पर कुंडापुर स्थित कालेज में हिजाब पहनकर आने वाली करीब 27 मुस्लिम छात्राओं के विरोध में बुधवार को 40 से अधिक हिंदू स्टूडेंट ने भगवा स्कार्फ पहनकर विरोध जताया. कुंडापुर स्थित निजी कालेज भंडारकर आर्ट्स एंड साइंस कालेज के अलावा शिवमोगा जिले के भद्रावती में सर एम. विश्वेश्वरैया गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स कालेज में भी इसी तरह का नजारा दिखाई दिया.


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यह विरोध ऐसे समय पर हुआ जब दो दिन पहले ही उडुपी जिले में स्थित गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी (पीयू) कालेज फॉर गर्ल्स की मुस्लिम छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर अनुरोध किया कि अंतरिम राहत देते हुए उन्हें हिजाब पहनकर क्लास में आने की अनुमति दी जाए. साथ ही इसमें यह हवाला भी दिया गया कि हिजाब पहनना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकार है. छात्राओं को कथित तौर पर पिछले महीने कालेज में प्रवेश से रोक दिया गया था क्योंकि उन्होंने हिजाब पहन रखा था.

एएनआई ने अपनी एक रिपोर्ट में भद्रावती स्थित सर एम. विश्वेश्वरैया गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स कालेज में प्रिंसिपल उमाशंकर के हवाले से लिखा था, ‘हमने स्टूडेंट और अभिभावकों को समझाने की कोशिश की कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में हर कोई समान होता है और इसमें कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. माता-पिता और छात्र हमारे अनुरोध पर ध्यान देने के लिए सहमत हो गए हैं.’

दिप्रिंट ने कुंडापुर स्थित भंडारकर आर्ट्स एंड साइंस कालेज के अधिकारियों से संपर्क साधने की भी कोशिश की लेकिन यह रिपोर्ट प्रकाशित होने तक उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.

हालांकि, हिजाब बनाम भगवा स्कार्फ का विवाद कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में—खासकर सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जिलों में—जब तब सिर उठाता रहता है. हालिया घटनाओं में उडुपी महिला पीयू कालेज ने पिछले महीने छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में आने से रोक दिया था. इस रोक का नतीजा चिकमंगलूर और मंगलुरु में विरोध प्रदर्शनों के रूप में सामने आया.

शिक्षा मंत्री ने कहा—इसकी आशंका थी

कर्नाटक में मौजूदा समय में शिक्षा विभाग की तरफ से सभी सरकारी कालेजों के लिए कोई समान ड्रेस कोड नहीं बनाया गया है. ऐसे में कालेज हितधारकों के साथ परामर्श के आधार पर खुद अपने नियम बनाने के लिए अधिकृत हैं. हालांकि, ताजा विवाद के बाद राज्य सरकार ने कालेजों के लिए ड्रेस कोड तय करने के उद्देश्य से एक समिति गठित करने का फैसला किया है.

दिप्रिंट ने कुंडापुर के विधायक हलादी श्रीनिवास शेट्टी से पूछा कि क्या सरकारी पीयू कालेज ने स्पष्ट तौर पर हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है. इस पर उनका कहना था, ‘कई सालों से कुछ छात्राएं—शायद हर साल एक या दो—हिजाब पहनकर कालेज आती रही हैं लेकिन इनकी संख्या इतनी ज्यादा कभी नहीं रही. ऐसा लगता है कि यह जान-बूझकर सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास है. मैंने कालेज प्रशासन से कहा है कि स्टूडेंट को केवल हिजाब ही नहीं भगवा स्कार्फ पहनकर आने की भी अनुमति न दें.’

राज्य के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी.सी. नागेश ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, ‘कालेज शुरू होने से पूर्व स्कूल डेवलपमेंट कमेटी ने जो भी नियम बनाए थे, उनका पालन किए जाने की जरूरत है. हमने ड्रेस कोड निर्धारित करने के लिए एक समिति बनाई है और हमें पता था कि इसकी प्रतिक्रिया होगी. इसकी आशंका पहले से ही थी. हमने सभी कालेजों से कह दिया है कि न भगवा स्कार्फ की अनुमति दी जाए और न ही हिजाब की. हर कालेज के लिए केवल निर्धारित ड्रेस कोड की अनुमति होगी, जो कोई भी इसका उल्लंघन कर रहा उसे अंदर नहीं जाने दिया जा रहा.’

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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