बेंगलुरू : कर्नाटक में वायरल ‘सेक्स वीडियो’ में कथित रूप से दिखाई दे रही महिला ने रविवार को आरोप लगाया कि पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण है.
इस वीडिया कांड में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री रमेश जारकीहोली के भी कथित रूप से शामिल होने के आरोप लग रहे हैं.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत को लिखे पत्र में शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया है कि उससे कई बार पूछताछ की गई लेकिन आरोपी को केवल एक बार पूछताछ के लिए बुलाया गया और उसे तीन घंटे में ही छोड़ दिया गया.
मीडिया में सार्वजनिक किए गए पत्र में महिला ने कहा, ‘इस पूरी प्रक्रिया को देखने के बाद मैं असमंजस में हूं कि मैं पीड़ित हूं या आरोपी.’
महिला ने आरोप लगाया कि एसआईटी ने आरोपी से मात्र तीन घंटे तक पूछताछ की और उसे बिना किसी पाबंदी के जाने दिया जबकि उससे लगातार पूछताछ की जा रही है.
पत्र में आरोप लगाया गया, ‘रमेश जारकीहोली ने अपनी शिकायत में मेरे नाम का उल्लेख नहीं किया है, इसके बावजूद पुलिस ने उस स्थान पर छापेमारी की जहां मैं किराए पर रहती हूं और सरकार के दबाव में मुझे आरोपी के रूप में पेश करने के लिए सभी सबूत नष्ट कर दिए.’
महिला के वकील ने कहा कि उन्होंने ई्मेल के जरिये पुलिस आयुक्त को पत्र भेजा है लेकिन जरूरत पड़ी तो उसकी प्रति भी भेजी जाएगी.
इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने एक बार फिर अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि मामले की जांच उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में होनी चाहिए.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार के प्रभाव की वजह से एसआईटी तथ्यों को बाहर नहीं लाएगी, इसलिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच कराई जानी चाहिए.’
उल्लेखनीय है कि समाचार चैनलों पर सेक्स वीडियो प्रसारित होने के बाद तीन मार्च को जारकीहोली ने राज्य के जल संसाधन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. उनका दावा है कि वह बेगुनाह है और उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश रची जा रही है.