तुमकुरु (कर्नाटक), 31 मई (भाषा) किसान संगठनों, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (सेक्युलर) ने शनिवार को यहां गुब्बी के पास हेमावती एक्सप्रेस लिंक नहर परियोजना के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
प्रदर्शनकारी परियोजना स्थल पर पहुंच गए थे। बाद में प्रशासन द्वारा परियोजना का काम रोकने का आश्वासन दिए जाने के बाद उन्होंने अपना प्रदर्शन रोका। उन्होंने बताया कि पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया है।
विधायक बी सुरेश गौड़ा, जी बी ज्योति गणेश और एम टी कृष्णप्पा ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात था। विभिन्न धार्मिक मठों के संतों के एक समूह ने भी प्रदर्शन में भाग लिया।
सरकार विरोधी नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारी सड़क पर धरना देने बैठ गए। उन्होंने टायर जलाए और विरोध के बावजूद हेमावती नहर के पानी को पड़ोसी बेंगलुरु दक्षिण जिले (रामनगर) में ले जाने की सरकार की योजना को ‘‘अवैज्ञानिक’’ करार दिया।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि यह परियोजना तुमकुरु जिले के कई तालुकों के लिए नुकसानदेह होगी। तहसीलदार ने एक जून को सुबह छह बजे तक उस स्थान के 10 किलोमीटर के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर दी है, जहां काम चल रहा है।
भाजपा विधायक गौड़ा ने पत्रकारों से कहा कि उपायुक्त ने उनसे बात की और काम रोकने तथा वहां मौजूद मशीनों को हटाने पर सहमति जताई।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने एक महीने का समय दिया है। आज हमारे किसानों ने इसका नमूना पेश किया है। आज, सिर्फ एक आह्वान पर, तुमकुरु से किसान एकत्र हुए और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए पदयात्रा के माध्यम से अपना रोष व्यक्त किया।’’
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बेंगलुरु में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने जिले के प्रभारी मंत्री जी परमेश्वर से बात की है और उनसे इस मुद्दे को सुलझाने को कहा है।
परमेश्वर ने कहा कि राजनीतिक एजेंडे के तहत प्रदर्शन किया जा रहा है।
उन्होंने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने नहर पर निर्णय लिया और करीब 1,000 करोड़ रुपये की धनराशि और काम को मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि जब तीन महीने पहले काम शुरू करने का प्रयास किया गया, तो भाजपा ने इसे अवैज्ञानिक बताते हुए इसका विरोध किया, इसके बाद सिंचाई मंत्री और उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के नेतृत्व में एक बैठक हुई, जिसमें भाजपा और जद (एस) के विधायक मौजूद थे।
परमेश्वर ने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया था कि एक तकनीकी समिति बनाई जाएगी और निर्णय लेने से पहले व्यवहार्यता पर उनकी राय ली जाएगी।
उन्होंने कहा कि तकनीकी समिति की मंजूरी के बाद काम शुरू कर दिया गया था। परमेश्वर ने कहा, ‘‘वे फिर से काम रोकने के लिए विरोध कर रहे हैं, हम उनसे बात करेंगे और काम जारी रखेंगे।’’
भाषा आशीष दिलीप
दिलीप
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