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मंगलवार, 24 जून, 2025
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कर्नाटक के मंत्री ने ईडब्ल्यूएस आवास योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया

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बेंगलुरु, 24 जून (भाषा) कर्नाटक के आवास मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) योजना के तहत मकानों के आवंटन में भ्रष्टाचार के आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया और मामले की गहन जांच की मांग की।

मंत्री, अलंद से सत्तारूढ़ कांग्रेस के विधायक बी आर पाटिल के दावों का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मकान के बदले गरीब परिवारों से रिश्वत ली जा रही है।

खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘क्या ऐसा कोई मामला है, जहां मकान आवंटित करने के लिए पैसे लिए जा रहे हों? बी आर पाटिल मुझे बताएं कि किसने पैसे मांगे। हम उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिन्होंने रिश्वत ली – उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।’

उन्होंने पाटिल से आग्रह किया कि वह मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर कथित अनियमितताओं की औपचारिक जांच की मांग करें।

अपना रुख स्पष्ट करते हुए खान ने कहा कि उन्होंने विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं।

उन्होंने कहा, ‘मंत्री के तौर पर मैंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जांच करें कि क्या ऐसी कोई घटना हुई है। अब तक मेरे संज्ञान में ऐसी कोई घटना नहीं आई है।’

व्यक्तिगत रूप से लाभ लेने के आरोपों का खंडन करते हुए खान ने कहा, ‘मैं इतनी गरीबी में नहीं हूं कि मुझे गरीबों से पैसे लेने की जरूरत पड़े। अगर मैंने मकान आवंटित करने के लिए पैसे लिए हैं, तो मुझे बददुआएं दी जानी चाहिए। क्या गरीबों का शोषण करके मेरे परिवार या मुझे कुछ हासिल होगा? हम नष्ट हो जाएंगे।’

उन्होंने कहा कि लाभार्थियों का चयन करने का अधिकार केवल पंचायतों को है, विधायकों को नहीं।

इस विवाद ने विपक्षी भाजपा और जद (एस) को मौका दे दिया, जिन्होंने खान के इस्तीफे और उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

मंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ईडब्ल्यूएस परिवारों के लिए दिए जाने वाले 1.5 लाख रुपये के अनुदान पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने को लेकर केंद्र की आलोचना की।

भाषा

नोमान दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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