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Tuesday, 30 September, 2025
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कर्नाटक के गृह मंत्री परमेश्वर ने एसआईटी से धर्मस्थल जांच को यथाशीघ्र पूरा करने की अपील की

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बेंगलुरु, 30 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने धर्मस्थल में ‘‘कई हत्याओं, बलात्कारों और शवों को दफनाने’’ के आरोपों की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को जल्द से जल्द इस विवेचना को पूरा करने का निर्देश दिया है।

उन्होंने यह भी कहा कि मामले से संबंधित अपराध विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) की रिपोर्ट अभी लंबित है।

परमेश्वर ने यहां पत्रकारों से कहा,‘‘एसआईटी अपना काम कर रही है। एफएसएल की रिपोर्ट आनी बाकी है। हाल में मिली सामग्री एफएसएल को भेज दी गई है। हमने उनसे पहले मिली सामग्री पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और भेजने को कहा है। हमने एसआईटी को जल्द से जल्द जांच पूरी करने को कहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक के बाद एक, लोग आकर जांच के सिलसिले में आवेदन दे रहे हैं। यह सिलसिला यूं ही नहीं चल सकता। इसका अंत होना चाहिए।’’

गृहमंत्री ने कहा,‘‘हम एसआईटी को कल या परसों जांच पूरी करने के लिए नहीं कह सकते। जांच पूरी करने के लिए उन्हें जानकारी या सामग्री की आवश्यकता होगी। एफएसएल रिपोर्ट आनी है। उन रिपोर्टों को अंतिम रूप दिया जाना है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए एसआईटी कार्रवाई करेगी।’’

विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसने पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में यौन उत्पीड़न के निशान वाली महिलाओं समेत कई शवों को दफनाया है, जिससे स्थानीय मंदिर के प्रशासकों पर संदेह पैदा हो गया। इस शिकायतकर्ता की बाद में पहचान सी एन चिन्नैया के रूप में हुई और उसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

राज्य सरकार ने इस एसआईटी का गठन किया है जिसने नेत्रवती नदी के किनारे वन क्षेत्रों में शिकायतकर्ता द्वारा चिन्हित कई स्थानों पर तलाशी ली और दो स्थानों से कंकाल के अवशेष बरामद किए।

इस माह के आरंभ में, एसआईटी ने नेत्रवती स्नान घाट के पास बंगलेगुड्डे वन क्षेत्र में तलाशी अभियान के दौरान अतिरिक्त अवशेष बरामद किए।

मई में शिकायतकर्ता और अन्य की रिट याचिका को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश से संबंधित एक प्रश्न पर परमेश्वर ने कहा कि एसआईटी अपनी रिपोर्ट में इस पहलू पर विचार कर सकती है।

सामाजिक कार्यकर्ता महेश शेट्टी थिमारोडी के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर, परमेश्वर ने कहा, ‘‘देखते हैं अदालत में क्या होता है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी या पुलिस कानून के मुताबिक उन्हें गिरफ्तार करेगी। सरकार इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी या निर्देश नहीं देगी। पुलिस अपनी मर्जी के मुताबिक कार्रवाई करेगी।’’

कहा जाता है कि थिमारोडी उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने धर्मस्थल के खिलाफ आरोपों के मामले में शिकायतकर्ता चिन्नैया का समर्थन किया था। वह 2012 में एक कॉलेज जाने वाली लड़की से जुड़े बलात्कार और हत्या के मामले में न्याय की मांग से संबद्ध अभियान का नेतृत्व भी कर रहे थे।

दरअसल पुलिस रिपोर्ट में थिमारोडी के खिलाफ कई मामलों का हवाला दिया गया, जिनमें गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना, दंगा, हमला, आपराधिक धमकी, पुलिस के आदेशों की अवज्ञा, झूठी सूचना फैलाना और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत उल्लंघन शामिल थे।

भाषा

राजकुमार माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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