बेंगलुरु, 30 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एआईआईपीएल) और इसके पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की धनशोधन कार्यवाही पर अंतरिम रोक लगा दी है।
साल 2022 की अभियोजन शिकायत से संबंधित यह मामला अगले आदेश तक स्थगित रहेगा।
न्यायमूर्ति हेमंत चंदनगौदर ने हाल ही में एआईआईपीएल और पटेल दोनों को अस्थायी राहत दी, ईडी को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपनी जांच को आगे बढ़ाने से रोकने का निर्देश दिया।
अदालत ने ईडी को नोटिस जारी कर मामले को रद्द करने की मांग करने वाली दो याचिकाओं का जवाब देने का निर्देश दिया।
इससे पहले ईडी ने मई 2022 में पटेल, एआईआईपीएल और पूर्व सीईओ जी अनंतपद्मनाभन समेत कई व्यक्तियों के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन और धनशोधन गतिविधियों से जुड़ी शिकायत दर्ज की थी।
मामला 2019 में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट (एआईआईएफटी) के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें संगठन पर एफसीआरए मानदंडों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।
बाद में ईडी ने यह दावा करते हुए जांच अपने हाथ में ले ली थी कि एमनेस्टी इंडिया ने अपने ब्रिटिश समकक्ष से वाणिज्यिक माध्यमों से धन प्राप्त किया, जिसका उद्देश्य कथित तौर पर एफसीआरए प्रतिबंधों को दरकिनार करना था।
उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी करते हुए कहा कि न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने भी फरवरी महीने में अनंतपद्मनाभन को इसी प्रकार का अंतरिम आदेश जारी किया था।
उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि पटेल और एआईआईपीएल के खिलाफ आरोप पिछले मामले के आरोपों से मेल खाते थे, इसलिए अदालत ने उन्हें समान संरक्षण प्रदान करना उचित समझा।
अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि संबंधित मामले में सह-आरोपियों में से एक को पहले ही अंतरिम राहत दी जा चुकी है। चूंकि आरोप समान हैं, इसलिए अगली सुनवाई तक अन्य याचिकाकर्ताओं के लिए भी अंतरिम आदेश दिया जाता है।’
भाषा जोहेब सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.