बेंगलुरु, 22 जनवरी (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और महाराष्ट्र एकीकरण समिति (एमईएस) को उस जनहित याचिका पर जवाब देने को कहा है जिसमें बेलगावी और अन्य कन्नड भाषी क्षेत्रों में कन्नड राज्योत्सव (एक नवंबर) को ‘काला दिवस’ मनाने पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।
मुख्य न्यायाधीश एन वी अंजरिया और न्यायमूर्ति एम आई अरुण की खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को आदेश दिया कि 18 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई से पहले अपने हलफनामे दाखिल करें।
याचिकाकर्ता मल्लप्पा चायप्पा अक्षरण की जनहित याचिका में कन्नड राज्योत्सव के मौके पर एमईएस की अगुवाई में विरोध प्रदर्शन तथा रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है।
बेलगावी के महाराष्ट्र में विलय की वकालत कर रहा एमईएस 20 साल से अधिक समय से एक नवंबर को ‘काला दिन’ मनाता आ रहा है।
याचिकाकर्ता के वकील अमृतेश एनपी ने दलील दी कि इस तरह से काला दिवस मनाने से सार्वजनिक सौहार्द प्रभावित होता है और कन्नड भाषियों के उनके राज्य का स्थापना दिवस मनाने के अधिकार बाधित होते हैं।
याचिका में 2024 में एमईएस के बेलगावी में जुलूस निकालने के साक्ष्य भी संलग्न किए गए हैं।
भाषा वैभव पवनेश
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