नई दिल्ली: कर्नाटक हाई कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पाबंदी को लेकर अपना फैसला सुना दिया है. हिजाब पाबंदी को चुनौती देने वाली याचिकाओ को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में एक जरूरी प्रथा नहीं है और स्कूल यूनिफॉर्म का लागू होना सही प्रतिबंध है. कोर्ट ने कहा है कि स्टूडेंट इस पर आपत्ति नहीं कर सकते हैं.
हिजाब पाबंदी की याचिकाओं की सुनवाई कर रही बेंच ने कहा कि सरकार के पास अधिकार है कि वह सरकारी आदेश जारी कर सके. इसके अमान्य होने का केस नहीं बनता.
उडुपी से शुरू हुआ था विवाद
उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह की कक्षाओं में उन्हें हिजाब पहनने देने की मांग से तब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था जब कुछ हिंदू विद्यार्थी भगवा शॉल पहनकर पहुंच गये. यह मुद्दा राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गया जबकि सरकार वर्दी संबंधी नियम पर अड़ी रही.
उडुपी जिले से याचिकाकर्ता लड़कियों की ओर से पेश होने वाले वकीलों के अनुसार हिजाब मामले से जुड़े मामले को मंगलवार के लिए सूचीबद्ध किया गया है तथा अदालत पूर्वाह्न साढ़े दस बजे से फैसले का क्रियान्यवन वाला हिस्सा सुना सकती है.
उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित एवं न्यायमूर्ति जे एम काजी की पूर्ण पीठ उडुपी की लड़कियों की याचिका पर गठित की गयी है. इन लड़कियों ने अनुरोध किया था कि उन्हें कक्षाओं में स्कूली वर्दी के साथ-साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए क्योंकि यह उनकी धार्मिक आस्था का हिस्सा है.
एक जनवरी को उडुपी के एक महाविद्यालय की छह लड़कियों ने कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इसका आयोजन कॉलेज प्रशासन द्वारा इन लड़कियों को हिजाब में कक्षाओं में जाने से रोके जाने के विरूद्ध किया गया था.
यह भी पढ़ें- चीन में कोविड के मामले बढ़ रहे लेकिन शी की नजर अमेरिका के खिलाफ रूस के साथ जुटने और ताइवान पर