बेंगलुरु, 24 मई (भाषा) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान एवं धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ सुरक्षित रख लिया है।
यह विधेयक 6 मार्च, 2024 को पारित किया गया था और 16 मई, 2025 को नए सिरे से राज्यपाल को भेजा गया था।
इस विधेयक का उद्देश्य उच्च आय अर्जित करने वाले मंदिरों से प्राप्त होने वाले धन के साझा कोष (कॉमन पूल फंड) को बढ़ाना है।
इसके तहत एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाली धार्मिक संस्थाओं की सकल आय 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रावधान है।
विधेयक में केवल अधिसूचित श्रेणी-सी के धार्मिक संस्थानों को सहायता अनुदान देने का प्रस्ताव है।
विधेयक में कहा गया है कि प्रबंधन समिति के चार सामान्य सदस्य विश्वकर्मा हिंदू मंदिर वास्तुकला और मूर्तिकला में कुशल होने चाहिए।
गहलोत ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा, ‘मेरी राय है कि प्रस्तावित विधेयक को मंजूरी देने के बजाय, संवैधानिक जटिलताओं से बचाने के लिए माननीय राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित रखना उचित है।”
भाषा जोहेब पवनेश
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