बेंगलुरु, 12 फरवरी (भाषा) कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उस अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी है जिसमें ‘माइक्रो-फाइनेंस’ कंपनियों से कर्ज लेने वाले लोगों को उत्पीड़न से बचाने के प्रावधान हैं। सरकारी सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
इस तरह की रिपोर्ट थीं कि राज्य में संचालित ‘माइक्रो-फाइनेंस’ कंपनियों के वसूली एजेंटों की प्रताड़ना की वजह से लोग खुदकुशी कर रहे हैं व अपने घरों को छोड़कर भाग रहे हैं। इसके बाद राज्य सरकार ने कर्नाटक माइक्रो-फाइनेंस (बलपूर्वक कार्रवाई की रोकथाम) अध्यादेश 2025 को मंजूरी दी। इस अध्यादेश में 10 साल तक की जेल की सज़ा व पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।
राज्यपाल ने आठ फरवरी को अध्यादेश को यह कहते हुए लौटा दिया था कि इसके मौजूदा स्वरूप में ऋणदाताओं के साथ घोर अन्याय हो रहा है।
गहलोत ने अध्यादेश लौटाते समय कारण और सुझाव भी दिए थे। उनकी चिंताओं को दूर करते हुए कर्नाटक सरकार ने 10 फरवरी को फिर से अध्यादेश भेजा।
राज्यपाल ने बुधवार को अध्यादेश को अपनी मंजूरी दे दी। बताया जाता है कि उन्होंने सरकार से अगले विधानसभा सत्र में विधेयक पेश करने को कहा है।
भाषा नोमान अविनाश
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