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बुधवार, 11 जून, 2025
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कर्नाटक सरकार 60-70 दिनों में फिर से जातिगत गणना कराएगी : मुख्यमंत्री सिद्धरमैया

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चिक्कबल्लापुर (कर्नाटक), 11 जून (भाषा) कांग्रेस आलाकमान से मिले एक निर्देश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार राज्य में करीब 60-70 दिनों में नये सिरे से जातिगत गणना कराएगी।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, फिर से जातिगत गणना कराने के तौर-तरीके पर बृहस्पतिवार की कैबिनेट बैठक में चर्चा किये जाने की संभावना है।

कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 10 साल पूर्व किये गए जातिगत सर्वेक्षण से बाहर रहने का दावा करने वाले कुछ समुदायों की चिंताओं को दूर करने के लिए वह फिर से जातिगत गणना कराए।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘आलाकमान ने कहा कि सर्वेक्षण 2015-16 में किया गया जिसके बारे में कुछ शिकायतें मिली हैं। यह करीब नौ-दस साल पुराना है। इसलिए छोटी अवधि, करीब 60-70 दिनों में फिर से गणना की जाएगी। हम पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा सौंपी गई पूरी रिपोर्ट को खारिज नहीं कर रहे हैं। सैद्धांतिक रूप से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है, केवल फिर से गणना की जाएगी।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कैबिनेट के समक्ष विचार के लिए रखी गई रिपोर्ट पर काम करने की बजाय गणना फिर से कराने के आलाकमान के निर्देश से निराश हैं, सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘हम आलाकमान के निर्णय का पालन करेंगे। यह मेरा निर्णय नहीं है, यह कैबिनेट या मेरी सरकार का निर्णय नहीं है, यह आलाकमान का निर्णय है। आलाकमान ने फिर से गणना कराने के लिए कहा है।’’

यह निर्णय तब लिया गया है जब राज्य कैबिनेट सामाजिक एवं शैक्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (जिसे जाति सर्वेक्षण के रूप में जाना जाता है) पर विचार कर रहा था।

कलबुर्गी में मीडिया से बातचीत में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि फिर से गणना करना जरूरी है क्योंकि उपलब्ध डेटा 10 साल पुराना है।

भाषा

संतोष अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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