बेंगलुरु, 21 जनवरी (भाषा) कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह तमिलनाडु से लगती सीमा पर होगेनक्कल में प्रस्तावित जल परियोजना का विरोध करेगी क्योंकि पड़ोसी राज्य एकतरफा निर्माण कार्य नहीं कर सकता है।
कर्नाटक के सिंचाई मंत्री गोविंद कारजोल ने एक बयान में कहा, ‘‘ मीडिया के मार्फत हमारे संज्ञान में आया है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने होगेनक्कल परियोजना के दूसरे चरण पर काम करने के लिए 4600 करोड़ रूपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की घोषणा की है। ’’
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य को जल वितरण के संबंध में कावेरी न्यायाधिकरण और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार ही कावेरी घाटी क्षेत्र में परियोजनाएं हाथ में लेनी होगी।
मंत्री ने कहा, ‘‘ कर्नाटक सरकार उस परियोजना का विरोध करती है जिसका विवरण न्यायाधीश एवं शीर्ष अदालत के सामने पेश नहीं किया गया है। तमिलनाडु इस परियोजना पर एकतरफा ढंग से काम नहीं कर सकता है।’’
कावेरी न्यायाधिकरण की धारा 13 का हवाला देते हुए कारजोल ने कहा कि इस परियोजना पर एनएचपीसी के माध्यम से ही काम किया जाए।
उन्होंने कहा कि होगेनक्कल में कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच सीमा के रेखांकन को अबतक भारत सर्वेक्षण द्वारा अंतिम रूप नहीं दिया गया है जबकि परियोजना को हाथ में लेने के लिए ऐसा होना अनिवार्य है।
तमिलनाडु ने रामनगर जिले में कर्नाटक सरकार द्वारा हाथ में ली गयी 9000 करोड़ रूपये के मेकेदातु संतुलन जलाशय परियोजना का विरोध किया है। इस परियोजना का लक्ष्य बेंगलुरु एवं आसपास के जिलों में पेयजल की जरूरत पूरी करना है ।
भाषा
राजकुमार नरेश
नरेश
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