कारवार (कर्नाटक), 23 जुलाई (भाषा) कर्नाटक सरकार ने राज्य में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 11.8 लाख संभावित फर्जी लाभार्थियों की पहचान की है, जिनमें 13,702 आयकरदाता और 117 सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।
राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने बुधवार को एक समीक्षा बैठक में कहा कि आधार सत्यापन से यह भी पता चला है कि हजरों लोग न्यूनतम आयु मानदंड पूरा न करने के बावजूद वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।
इसके अलावा, जाली प्रमाणपत्रों का उपयोग करके दिव्यांग पेंशन प्राप्त करने से संबंधित शिकायतें भी सामने आई हैं, जिसके कारण पुनः सत्यापन के आदेश दिए गए हैं।
उत्तर कन्नड़ ज़िले के प्रभारी मंत्री गौड़ा ने कहा कि आने वाले दिनों में राज्य सरकार के स्तर पर ऐसी विसंगतियों को दूर करने के लिए निर्णायक कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अकेले उत्तर कन्नड़ जिले में ही ऐसे 11,956 संदिग्ध मामले सामने आए हैं, जिनमें 351 मामलों में लाभार्थी आयकरदाता हैं।
गौड़ा ने यह भी कहा कि राज्य ने पुराने भूमि अभिलेखों को अद्यतन करने के लिए एक अभियान शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि 52.55 लाख से ज्यादा जमीनें अभी भी मृतक किसानों के नाम पर हैं, जिसकी वजह से वे पीएम-किसान जैसी केंद्रीय योजनाओं के लिए पात्र नहीं हैं। अधिकारियों ने कानूनी उत्तराधिकारियों को जमीन का मालिकाना हक हस्तांतरित करने के लिए घर-घर जाकर अभियान शुरू कर दिया है। पिछले महीने ही, 20,000 जमीन के मालिकाना हक हस्तांतरित किए गए हैं।
भाषा जोहेब नरेश
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