बेंगलुरु: राज्य की पुलिस ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी.एस. येदियुरप्पा के खिलाफ 17-वर्षीय लड़की के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप के तहत मामला दर्ज़ किया है.
81-वर्षीय नेता पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत सख्त मामला दर्ज किया गया, जब एक महिला ने गुरुवार रात शहर के सदाशिवनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें येदियुरप्पा पर 2 फरवरी को अपने आवास पर उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मीडिया से कहा, “विवरण की जांच करने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता.” उन्होंने कहा कि मामला बहुत संवेदनशील है क्योंकि यह एक पूर्व सीएम और POCSO अधिनियम के तहत आरोपों से संबंधित है.
17-वर्षीय लड़की और उनकी मां द्वारा लिए गए एक वीडियो में कथित तौर पर दोनों को पूर्व सीएम से बेंगलुरु में उनके डॉलर्स कॉलोनी स्थित घर पर भिड़ते हुए देखा जा सकता है जो कि सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
हालांकि, दिप्रिंट स्वतंत्र रूप से वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका, हालांकि, येदियुरप्पा ने इसके अस्तित्व से खुले तौर पर इनकार नहीं किया है.
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया और महिला को ‘ठीक नहीं’ बताया.
सात मिनट के वीडियो में महिला को येदियुरप्पा से भिड़ते हुए सुना जा सकता है. लड़की की मां ने पूर्व सीएम से पूछा, “अप्पाजी, आपने क्या किया? आपने उसे अंदर (कमरे में) ले जाकर क्या किया?”
येदियुरप्पा पूछते हैं, “मैंने क्या किया?”
महिला कहती है, “आप उसे (कमरे में) ले गए और अपना हाथ उसके ब्लाउज के अंदर डाल दिया.”
वह कहते हैं, “वे मेरी पोती की तरह है.”
महिला पूछती रहती हैं कि येदियुरप्पा ने ऐसा क्यों किया और पूर्व सीएम ने उन्हें बैठने का इशारा किया, उनका हाथ पकड़ा और जवाब दिया: “वे एक अच्छी लड़की है. उसका अच्छे से पालन-पोषण करो और मैं हरसंभव मदद करूंगा.”
कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक आलोक मोहन ने शुक्रवार को मामले को आपराधिक जांच विभाग को स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया.
येदियुरप्पा पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354ए (अवांछनीय और स्पष्ट यौन व्यवहार) और POCSO अधिनियम की धारा 8 (यौन उत्पीड़न के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है. दोनों संज्ञेय और गैर-ज़मानती अपराध हैं.
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‘बार-बार शोषण किया गया’
वीडियो में महिला कहती दिख रही हैं कि उनकी बेटी का बार-बार शोषण किया गया है और उसे न्याय पाने के लिए वकीलों पर निर्भर रहना पड़ा है.
वे मामले की जांच के लिए एन संतोष हेगड़े जैसे रिटायर्ड न्यायाधीश के साथ एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग करती हैं और कहती हैं कि वे 54,000 कॉल रिकॉर्ड सहित अपने आरोपों के लिए सबूत पेश करेगी.
वे आगे कहती हैं कि पुलिस अधिकारियों, वकीलों और सरकारी अधिकारियों ने परिवार को परेशान किया है और यहां तक कि आरोप लगाया है कि उनकी जान को खतरा है.
महिला वीडियो में येदियुरप्पा को “अप्पाजी” (कन्नड़ में एक प्यारा शब्द) के रूप में संदर्भित करती हैं, जबकि वे उनका बगल में बैठे हुए उनके हाथ पकड़ते हैं.
मीडिया से बात करते हुए येदियुरप्पा ने लड़की की मां का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा, “एक बार जब वे रो रही थीं, तो मैंने उन्हें अपने घर के अंदर बुलाया और पुलिस आयुक्त बी. दयानंद से बात की, कि उसके साथ कुछ अन्याय हुआ है. हालांकि, जब उसने मेरे सामने मेरे खिलाफ बोलना शुरू किया, तो मैंने निष्कर्ष निकाला कि यह महिला उचित नहीं है.”
कर्नाटक के पूर्व सीएम ने कहा कि जब महिला पुलिस कमिश्नर से मिली तो उसने उनके (येदियुरप्पा) खिलाफ मामला दर्ज कराया.
उन्होंने कहा कि वे कानूनी सहारा लेंगे और इस बात पर अफसोस जताया कि वे केवल महिला की मदद करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन खुद ही आरोपों में फंस गए.
गुरुवार रात मामला दर्ज होने के तुरंत बाद, महिला द्वारा विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ दायर किए गए अन्य मामलों की एक सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, लड़की की मां ने बेंगलुरु के दो पूर्व पुलिस आयुक्तों, आलोक कुमार और भास्कर राव सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 50 से अधिक मामले दर्ज किए हैं.
(संपादन फाल्गुनी शर्मा)
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