बेंगलुरु, 18 सितंबर (भाषा) बेंगलुरु में विधायकों/सांसदों के लिए एक विशेष अदालत ने भाजपा विधायक एन. मुनिरत्न की जमानत याचिका पर अपना आदेश बृहस्पतिवार के लिए सुरक्षित रख लिया।
शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सूर्य मुकुंदराज ने बुधवार को दलील दी कि जमानत देने से सबूत नष्ट हो सकते हैं, खासकर तब जब घटना विधायक के कार्यालय परिसर में हुई हो। उन्होंने अदालत से जमानत न देने का आग्रह किया।
यहां केंद्रीय कारागार में बंद मुनिरत्ना का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अशोक हरनाली ने दलील दी कि शिकायत में इस बात का विवरण नहीं है कि कथित दुर्व्यवहार कब हुआ।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। इस बीच, कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने संवाददाताओं से कहा कि अगर फोरेंसिक जांच से यह पुष्टि हो जाती है कि मुनिरत्न की आवाज उस ऑडियो क्लिप से मेल खाती है, जिसमें कथित तौर पर जातिवादी गालियां दी गई थीं, तो सरकार कार्रवाई करेगी।
पूर्व मंत्री मुनिरत्न को उनके खिलाफ दो मामले दर्ज होने के बाद शनिवार को गिरफ्तार किया गया था।
राजराजेश्वरी नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक मुनिरत्न को रिश्वत के लिए बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका के एक ठेकेदार को परेशान करने, एक पूर्व पार्षद के खिलाफ जातिसूचक गाली देने, धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और एक महिला का शील भंग करने के आरोप में कोलार के मुलबागल के नांगली गांव से हिरासत में लिया गया था।
शिकायतकर्ताओं में से एक ठेकेदार चेलुवराजू ने अपने और मुनिरत्न के बीच फोन पर हुई बातचीत की एक कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग भी जारी की है, जिसमें मुनिरत्न ने वोक्कालिगा और दलित समुदाय के लोगों के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की थी।
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जोहेब माधव
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