बेंगलुरु, एक फरवरी (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शनिवार को बेंगलुरु अधिवक्ता संघ (एएबी) की शासी परिषद में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का अनुरोध करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति आर. देवदास ने अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग अधिवक्ता फाउंडेशन और कर्नाटक एससी/एसटी, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक अधिवक्ता संघ द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया और याचिकाकर्ताओं को अपना मामला उच्चतम न्यायालय में ले जाने की सलाह दी।
याचिकाकर्ताओं ने हाल ही में उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए एएबी की शासी परिषद में जाति-आधारित आरक्षण का अनुरोध किया था, जिसमें निकाय में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य किया गया था।
हालांकि, उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय का निर्देश संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत जारी किया गया था, जो उसे पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक आदेश पारित करने की विशेष शक्तियां प्रदान करता है।
भाषा शफीक संतोष
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