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शनिवार, 7 जून, 2025
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री को भगदड़ की जिम्मेदारी लेनी चाहिये : कुमारस्वामी

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बेंगलुरु, सात जून (भाषा) जनता दल (एस) नेता और केंद्रीय मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार और गृह मंत्री जी परमेश्वर को चार जून को मची भगदड़ की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अगर उनमें नैतिकता है, तो उन्हें त्यागपत्र दे देना चाहिए।

आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की जीत का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटने के बाद चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास बुधवार शाम मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 अन्य घायल हो गए थे।

कुमारस्वामी ने शहर के पुलिस आयुक्त सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने के लिए सरकार पर निशाना साधा।

कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘इस अप्रिय घटना के संबंध में जल्दबाजी में पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित करना अनावश्यक था। अगर अधिकारियों को सरकार की गलतियों के लिए बलि का बकरा बनाया जाता है, तो क्या अधिकारी प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं, सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए था।’’

कुमारस्वामी ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार का नेतृत्व करने वाले लोग पारदर्शी, सच्चा और वफादार प्रशासन देने का दावा करते हैं और उन्हें उनके द्वारा लिए गए निर्णयों के बारे में जनता की राय को समझना चाहिए।

उन्होंने पूछा, ‘‘भगदड़ की घटना के संबंध में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि तीन जून को मैच शुरू होने से पहले ही स्टेडियम में चार जून को जीत का जश्न मनाने की अनुमति मांगी गई थी। फाइनल मैच तीन जून को शाम 7:30 बजे शुरू हुआ, लेकिन अगले दिन के जश्न के लिए शाम छह बजे आवेदन किया गया, क्या उन्होंने मैच जीतने का सपना देखा था। विधानसौध के सामने जश्न मनाने के लिए डीएपीआर को एक और आवेदन दिया गया, इसके पीछे कौन था। उस दिन (चार जून) सुबह 7:30 बजे पुलिस आयुक्त पर अनुमति के लिए किसने दबाव डाला।’’

प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके कुमारस्वामी ने कहा कि भगदड़ की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री को लेनी होगी और इन तीनों की गलती है।

उन्होंने कहा, ‘‘जीत के 24 घंटे के भीतर टीम को सम्मानित करने की क्या जरूरत थी। ठीक है, किस तरह का सम्मान समारोह आयोजित किया गया? क्या ऐसी लापरवाही से आयोजित किया गया सम्मान समारोह जरूरी था?’अगर उनमें नैतिकता है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। हम ऐसी दयनीय स्थिति में नहीं हैं कि हमें लाशों पर राजनीति करनी पड़े, और ऐसी नौबत कभी नहीं आएगी।’’

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शुक्रवार को विपक्षी भाजपा और जद (एस) पर लाशों पर राजनीति करने का आरोप लगाया था।

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई ने शुक्रवार को विपक्ष के हमले का जवाब देते हुये कन्नड़ अभिनेता डॉ. राजकुमार की मौत के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति की याद दिलाई, जब 2006 में एच डी कुमारस्वामी जद (एस)-भाजपा गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री थे।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘राजकुमार की मौत के दौरान कुछ तत्वों ने उपद्रव और अशांति पैदा करने की कोशिश की, जिसके कारण गोलीबारी हुई और दो लोगों की मौत हो गई। मैंने इसे खुले तौर पर स्वीकार किया है, उस घटना को इस भगदड़ से क्यों जोड़ा जाए।’’

शिवकुमार पर निशाना साधते हुए कुमारस्वामी ने पूछा, ‘‘उनकी उपलब्धि क्या है? उन्होंने क्या हासिल किया है अथवा क्या किया है। पिछले दो वर्षों में बेंगलुरु शहर और राज्य के लिए उनका क्या योगदान है।’’

भाषा रंजन रंजन दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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