बेंगलुरू, 24 जनवरी (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सत्ता में आने के करीब छह महीने बाद सोमवार को अपने मंत्रियों के बीच जिलों का आवंटन किया जिनके वे प्रभारी होंगे। मुख्यमंत्री ने अहम बेंगलुरु शहरी जिले को अपने पास रखा है।
पिछली बी. एस. येदियुरप्पा नीत भारतीय जनता पार्टी सरकार के फैसले से उलट, मुख्यमंत्री ने किसी भी मंत्री को अपना गृह जिला नहीं आवंटित किया है जिसके तहत उनका विधानसभा क्षेत्र आता है। कम से कम दो वरिष्ठ मंत्रियों- राजस्व मंत्री आर. अशोक और कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री जे. सी. मधुस्वामी को कोई जिला नहीं आवंटित किया गया है जबकि तीन मंत्रियों- बी. सी. पाटिल, के़ गोपालैया और शंकर बी. पाटिल मुनेनकोप्पा को दो-दो जिले आवंटित किए गए हैं।
बोम्मई सरकार के सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब हर एक जिले को एक प्रभारी मंत्री मिला है। इससे पहले मंत्रियों को केवल कोविड-19 महामारी के प्रबंधन और स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यालय में झंडा फहराने के लिए जिले आवंटित किए गए थे।
बतौर मुख्यमंत्री, बोम्मई का कार्यकाल 28 जनवरी को छह महीने पूरा होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई मंत्रियों ने अपने गृह जिलों का प्रभारी बनाए जाने की मांग की थी लेकिन मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां करते समय इसके उलट फैसला किया है। जिला प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब बोम्मई पर पार्टी के विधायकों का दबाव है कि वह अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करें या उसमें फेरबदल करें।
हालांकि, पार्टी हलकों में चर्चा है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार या फेरबदल संभव है। राज्य मंत्रिमंडल में अभी मुख्यमंत्री सहित 30 मंत्री हैं जबकि स्वीकृत संख्या 34 है।
भाषा
अविनाश नरेश
नरेश
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