मेंगलुरु, 13 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक में एक ठेकेदार की मौत को लेकर, राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के. एस. ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपी बनाया गया है। ठेकेदार संतोष पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए वह खुद ईश्वरप्पा से बात करेंगे।
पुलिस ने मृतक के भाई प्रशांत पाटिल की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है। संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। प्रशांत की ओर से दर्ज प्राथमिकी में, ईश्वरप्पा और उनके दो स्टाफ – रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है।
पुलिस को दी गयी शिकायत में प्रशांत पाटिल ने कहा कि वर्ष 2020-21 में हिंडालगा गांव के निवासियों ने राज्य की राजधानी में ईश्वरप्पा से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया था कि वह पानी की निकासी के लिए नाला, सड़कों और फुटपाथ का निर्माण कराएं। पाटिल ने आगे कहा कि ईश्वरप्पा ने बजट की चिंता किए बिना इस काम की अनुमति दे दी। ठेकेदार संतोष पाटिल को इस काम का ठेका दिया गया था।
शिकायत में प्रशांत ने ये भी कहा है कि उनके भाई संतोष पाटिल ने परियोजना में चार करोड़ रुपये का निवेश किया था और उसका बिल अब तक लंबित है। उन्होंने आरोप लगाया कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे बिल को मंजूरी दे कर धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था लेकिन ईश्वरप्पा के करीबी कर्मी बसवराज और रमेश उनसे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।
बोम्मई ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘एक प्राथमिकी दर्ज की गई है… मैं अब उनसे (ईश्वरप्पा) बात करने जा रहा हूं और उनसे जानकारी एकत्र करूंगा। कुछ चीजों को लेकर उनसे फोन पर बात करूंगा और आमने-सामने की बातचीत के लिए उन्हें तलब करूंगा।’
विपक्षी कांग्रेस पर मामले में गड़बड़ी तलाशने का आरोप लगाते हुए बोम्मई ने कहा कि जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जांच पूरी होने पर सच्चाई सामने आ जाएगी… इस मामले में पृष्ठभूमि बहुत महत्वपूर्ण है।’’
उन्होंने जोर दिया कि मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा और जांच कानून के अनुसार होगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे राष्ट्रीय नेता इस पूरे मामले से अवगत हैं। यहां तक कि मैंने भी उन्हें सूचित कर दिया है।
इस बीच, एक फोरेंसिक टीम ने उस स्थान पर सबूतों की जांच की जहां पाटिल मृत पाए गए थे।
गौरतलब है कि पाटिल की मौत को लेकर मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री बोम्मई पर निशाना साधते हुए ईश्वरप्पा को हटाने की मांग की थी।
भाषा
फाल्गुनी अविनाश
अविनाश
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