मंगलुरु (कर्नाटक), दो सितंबर (भाषा) बेलथांगड़ी में दो अलग-अलग मामलों में कार्यकर्ता गिरीश मट्टन्ननावर और महेश शेट्टी थिमारोडी के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित रूप से साम्प्रदायिक सौहार्द भंग करने वाले और सार्वजनिक भावनाओं को आहत करने वाले वीडियो प्रसारित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
यह मामला पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में कथित तौर पर बलात्कार की कई घटनाओं, हत्या और शवों को दफनाने के आरोपों की विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा जांच किए जाने की पृष्ठभूमि में सामने आया है।
पूर्व सफाईकर्मी चिन्नैया की शिकायत के बाद एसआईटी ने जांच शुरू की थी। चिन्नैया को बाद में झूठे बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने धर्मस्थल की छवि को खराब करने की साजिश का आरोप लगाया था। बाद में भाजपा ने भी सोशल मीडिया पर धर्मस्थल तीर्थ स्थल को बदनाम करने के लिए साजिश और अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए एनआईए या सीबीआई जांच की मांग की।
इसी संदर्भ में इन दोनों कार्यकर्ताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई गई हैं। पहली शिकायत 30 अगस्त को धर्मस्थल के प्रवीन के.आर. ने दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि गिरीश मट्टन्ननावर ने महेश शेट्टी थिमारोडी और अन्य के साथ मिलकर बेलथांगड़ी में ब्लॉगर्स को बुलाया तथा कई दिनों तक सोशल मीडिया पर झूठे और भड़काऊ वीडियो फैलाए।
शिकायत में कहा गया है कि ये वीडियो सांप्रदायिक सौहार्द भंग करने के लिए सोशल मीडिया पर डाले गए थे।
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। दूसरी शिकायत एक सितंबर को धर्मस्थल के राजेंद्र दास डी ने दर्ज करवाई, जिसमें आरोप था कि मट्टन्ननावर ने एक वीडियो क्लिप में आपत्तिजनक और अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जो बाद में एक स्थानीय मीडिया चैनल पर प्रसारित हुआ।
पुलिस के अनुसार, शिकायत में कहा गया है कि इस वीडियो पर लोगों ने गहरी नाराजगी जाहिर की।
दोनों मामलों में जांच जारी है। पुलिस अधिकारी बयान दर्ज कर रहे हैं और डिजिटल साक्ष्य जुटा रहे हैं।
दक्षिण कन्नड़ जिले में हाल के महीनों में सोशल मीडिया गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और पुलिस ने सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने वाली सामग्री के प्रसार पर सख्त चेतावनी जारी की है।
भाषा मनीषा दिलीप
दिलीप
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