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Friday, 22 November, 2024
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कर्नाटक: वक्फ संपत्ति विवाद को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन

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(तस्वीरों के साथ)

बेंगलुरु, 22 नवंबर (भाषा) कर्नाटक में किसानों और अन्य लोगों के एक वर्ग द्वारा उनकी भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किये जाने के आरोपों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को राजधानी समेत विभिन्न जिलों में विरोध प्रदर्शन किया और इस मुद्दे पर राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा।

भाजपा ने ‘नम्मा भूमि नम्मा हक्कू’ (हमारी भूमि, हमारा अधिकार) के नारे के साथ बेंगलुरु, मांड्या, विजयपुरा, हसन, धारवाड़, मदिकेरी, मैसूरु, मंगलुरु और कोप्पल सहित कई अन्य स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन किया।

बेंगलुरू में फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व विधानसभा में विपक्ष के नेता आर. अशोक और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने किया। पार्टी के विधान परिषद सदस्य सी.टी. रवि, सांसद पी.सी. मोहन समेत कई अन्य नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया।

करंदलाजे ने सरकार से आग्रह किया कि जारी किए गए नोटिस वापस लिए जाने चाहिए, भूमि रिकॉर्ड को सही किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह किसानों, मठों और मंदिरों के नाम पर हो। वह यह भी चाहती हैं कि वक्फ संपत्तियों से संबंधित 1974 के गजट नोटिफिकेशन को वापस लिया जाए।

वक्फ मंत्री जमीर अहमद खान और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया पर निशाना साधते हुए करंदलाजे ने आगे कहा, “यह एक साजिश है। लव जिहाद की तरह, यह भूमि जिहाद है, यह भूमि आतंकवाद है। किसी भी कीमत पर हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे। केंद्र वक्फ से संबंधित कानून ला रहा है, मैं सभी से पार्टी लाइन से हटकर किसानों के हित में इसका समर्थन करने का अनुरोध करता हूं।”

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उनकी सरकार पर मुस्लिम तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए आर अशोक ने कहा कि वक्फ बोर्ड राज्य के लिए “कैंसर” बन गया है।

विपक्षी दल ने बृहस्पतिवार को कलबुर्गी, बल्लारी, हावेरी, शिवमोगा, चिकमंगलुरु, उडुपी और अन्य स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया और वक्फ बोर्ड पर अतिक्रमण करने का आरोप लगाया।

विजयपुरा जिले के किसानों के एक वर्ग ने आरोप लगाया है कि उनकी जमीनों को वक्फ संपत्तियों के रूप में चिह्नित किया गया है। इसके बाद अन्य जगहों से कुछ संगठनों और मठों जैसी धार्मिक संस्थाओं ने भी इसी तरह के आरोप लगाए हैं।

विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हाल ही में अधिकारियों को निर्देश दिया था कि किसानों को जारी किए गए सभी नोटिस को तुरंत रद्द किया जाए और बिना उचित सूचना के भूमि रिकॉर्ड में किसी अनधिकृत संशोधन को भी रद्द किया जाए।

भाषा

प्रशांत संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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