बेंगलुरु: आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्ण ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केंद्र से तत्काल सुरक्षा सहायता का अनुरोध किया है, क्योंकि कर्नाटक सरकार ने कथित तौर पर उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा प्रदान करने से इनकार कर दिया है. कृष्ण की शिकायत पर ही एमयूडीए घोटाले में मामला दर्ज किया गया था.
पत्र में कृष्ण ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती, अन्य नेताओं और प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम पर मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के तहत 14 भूखंडों के अवैध आवंटन के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी.
कृष्ण ने 26 दिसंबर को लिखे पत्र में कहा, ‘‘संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज कराने के मेरे प्रयासों के बावजूद, उन्होंने कार्रवाई करने से इनकार कर दिया. परिणामस्वरूप, मैंने अदालत का रुख किया और एक निजी शिकायत दर्ज कराई. मेरी शिकायत और सहायक दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद, अदालत ने लोकायुक्त अधिकारियों को जांच का निर्देश दिया. इसके बाद, मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को आरोपी नंबर एक बनाया गया.’’
सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि इस घोटाले के खुलासे के कारण उनके खिलाफ कई झूठी एफआईआर दर्ज की गई हैं और उन्हें जेल में डालने की कोशिश की गई. पहली एफआईआर नंजनागुडु टाउन पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई, उसके बाद देवराज पुलिस स्टेशन और कृष्णराज पुलिस स्टेशन में भी एफआईआर दर्ज की गई.
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वे मुझ पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं और मामला वापस लेने के बदले में धन की पेशकश कर रहे हैं. इसके बावजूद, मैं लड़ाई जारी रखने को दृढ़ संकल्पित हूं. अब, वे मुझे और मेरे परिवार को धमकियां दे रहे हैं.’’
कृष्ण ने कहा कि 18 अगस्त 2024 को उन्होंने मैसूर के पुलिस आयुक्त को एक ‘गनमैन’ मुहैया कराने की मांग करते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया था, लेकिन अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया.
इसी प्रकार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष ने कई गैर सरकारी संगठनों और संगठनों के साथ मिलकर कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को अनुरोध पत्र भेजकर उनके लिए सुरक्षा सहायता मांगी, लेकिन उन अनुरोधों को भी अस्वीकार कर दिया गया.
आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘चूंकि मैं मुख्यमंत्री और अन्य प्रभावशाली व्यक्तियों के खिलाफ लड़ रहा हूं, इसलिए राज्य सरकार मुझे सुरक्षा देने से इनकार कर रही है. इससे पता चलता है कि सरकारी अधिकारी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के प्रभाव में आकर मेरे प्रयासों में बाधा डालने का प्रयास कर रहे हैं.’’
कृष्ण ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि राज्य सरकार की सुरक्षा पर निर्भर रहना मेरे और मेरे परिवार के लिए जोखिम भरा होता जा रहा है. इसलिए, मैं अनुरोध करता हूं कि मेरे जीवन की रक्षा और मेरे परिवार की भलाई सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाए.’’
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