लखनऊ: सोशल मीडिया पर बीती रविवार रात से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कानपुर मेडिकल काॅलेज की प्रिंसिपल आरती लालचंदानी जमातियों पर अशोभनीय टिप्पणियां कर रही हैं. इस वीडियो में वह जमातियों को आतंकवादी बता रही हैं.
वीडियो वायरल होने के बाद आरती लालचंदानी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.
इस मामले में पूर्व सांसद और सीपीआई(एम) की नेता सुभाषिनी अली ने कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा है कि प्रिंसिपल की भाषा असंवैधानिक और आपत्तिजनक है जो अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य अस्पताल लाए गए थे, उन्हें आतंकवादी बता रही हैं. इन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
Have publicly condemned and demanded her removal and prosecution https://t.co/DlrvypSZek
— Subhashini Ali (@SubhashiniAli) June 1, 2020
इसपर यूपी के डायरेक्टर जनरल मेडिकल एजुकेशन केके गुप्ता का कहना है कि उनके पास अभी कोई शिकायत नहीं आई है. ये शासन स्तर का मामला है. इसमें कार्रवाई भी वहीं से होगी.
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बता दें कि योगी सरकार की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
वीडियो वायरल होने पर अब लालचंदानी ब्लैकमेलिंग के आरोप में स्थानीय पत्रकार पर एफआईआर कराएंगी.
#GSV मेडिकल कॉलेज #कानपुर की प्रिंसिपल #आरती #लालचंदानी के ज़हरीले बोल सुनिये
ये चाहती हैं कि कोरोना के मुस्लिम पेशेंट को जंगल में छोड दिया जाये, सामने बैठे पत्रकार सलाह दे रहे हैं कि एक एक इंजेक्शन क्यूँ नहीं@PMOIndia@MoHFW_INDIA@UPGovt @Uppolice @AwasthiAwanishK pic.twitter.com/qkcNnBwlII— UPENDRA DWIVEDI #RG (@upendraINC) May 31, 2020
दरअसल वायरल वीडियो में जीएसवीएम मेडिकल काॅलेज की प्राचार्य डॉ. आरती लालचंदानी बोल रही हैं, ‘ये (जमाती) आतंकवादी हैं. हमारे रिसोर्सेज बर्बाद कर रहे हैं. सीएम तुष्टीकरण के तहत इनका इलाज करवा रहे हैं. अरे इनको तो जेल में डालना चाहिए. ये यहां बदतमीजी कर रहे हैं. हमें इनकी खातिरदारी में लगा दिया गया. ये रातभर नाटक करते रहते हैं.’
दिप्रिंट से बातचीत में आरती लालचंदानी ने कहा, ‘ये वीडियो लगभग 60 दिन पुराना और इससे छेड़छाड़ भी गई है.’
उन्होंने कहा, ‘अप्रैल के पहले सप्ताह में जब जमातियों को कानपुर के मेडिकल काॅलेज में आइसोलेशन के लिए भर्ती किया गया था तो उनमें से कई जमातियों ने अभद्रता की थी. इसी कारण वह काफी परेशान हो गई थीं और उन्होंने स्थानीय पत्रकारों के सामने अपना दर्द बयां किया था.’
आरती के मुताबिक, ‘मैं ऑफ द रिकाॅर्ड कुछ पत्रकारों से बातचीत कर रही थी तभी उनमें से एक स्थानीय चैनल के पत्रकार ने ये वीडियो बना लिया. इसे स्टिंग कहा जाएगा लेकिन उसके बाद वह मुझे ब्लैकमेल करने लगा. कई दिनों तक कहता रहा कि आपका एक वीडियो है मुझपर वो वायरल कर दूंगा वरना मुझे मेडिकल काॅलेज से जुड़े कुछ काम दिलवाइए. मैंने ये बात नहीं मानी तो वीडियो वायरल कर दिया.’
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आरती लालचंदानी के मुताबिक, वह स्थानीय पत्रकार रामजी शर्मा के खिलाफ ब्लैकमेलिंग के आरोप में एफआईआर दर्ज कराएंगी. उन्होंने कानपुर एसएसपी से इसको लेकर बातचीत भी कर ली है. वह शिकायती पत्र भी आज भेज देंगी.
उनके मुताबिक, वह सब धर्मों का सम्मान करती हैं, किसी से नफरत नहीं करती. उस दिन वह जमातियों के व्यवहार से आहत थीं इसलिए उन्होंने ऐसी टिप्पणी की थी.
पहले भी उठाया था जमातियों के दुर्व्यवहार का मुद्दा
बता दें कि इससे पहले भी आरती ने जमातियों के दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाया है. उन्होंने 4 अप्रैल को एक टीवी चैनल से बातचीत में आरोप लगाया था कि जमाती थूक फेंकते हैं, दवाइयां नहीं लेते, कोरोनावायरस को मानते नहीं हैं. उल्टा कहते हैं कि आपको हो जाएगा. इसी कारण पुलिस को बुलाना पड़ा. अच्छे कपड़े, अच्छे खाने के लिए जिद्द करते हैं. जमातियों के दुर्व्यवहार के कारण फीमेल स्टाफ को वहां से हटाना पड़ा.
अब सफाई देने से क्या फायदा …वैसे भी आपको डरना नहीं चाहिये कोई कार्यवाही नहीं होगी…और यकीन मानिये निकट भविष्य में इसका ईनाम किसी न किसी रूप में मिलेगा..कोई शासकीय सम्मान पदोन्नति वगैरह ….लेकिन मैडम आप ये समझ ले- की कलंक है आप इस महान पेशे पर… आप पर लानत है