पथनमथिट्टा (केरल), 17 अक्टूबर (भाषा) केरल के पथनमथिट्टा जिला कलक्ट्रेट में मंत्रियों, वरिष्ठ नौकरशाहों और सहकर्मियों समेत सैकड़ों लोगों ने कन्नूर के पूर्व एडीएम नवीन बाबू को श्रद्धांजलि दी। उनका पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार की दोपहर उनकी बेटियों द्वारा उन्हें मुखाग्नि दिये जाने से पहले अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था।
बाबू को श्रद्धांजलि देते समय पथनमथिट्टा की पूर्व कलेक्टर दिव्या एस. अय्यर की आंखों में आंसू छलक आए और उन्होंने बाबू के साथ काम करने के अपने अनुभव को याद किया।
कहा जा रहा है कि कन्नूर जिला पंचायत की अध्यक्ष पी पी दिव्या ने बाबू के विदाई समारोह के दौरान उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) नवीन बाबू की मौत के सिलसिले में जिला पंचायत अध्यक्ष पी पी दिव्या पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बृहस्पतिवार को मामला दर्ज किया गया।
‘कन्नूर टाउन’ पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी में दिव्या पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बीएनएस की धारा 108 के तहत यह अपराध गैर-जमानती है और इसके लिए 10 साल के कैद की सजा का प्रावधान है।
शाम चार बजे बाबू का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
दिव्या एस. अय्यर ने आंसू पोछते हुए पत्रकारों से कहा, ‘‘हमने एक परिवार के रूप में साथ काम किया। मैं उन पर लगे आरोपों पर विश्वास नहीं कर सकती। उन्होंने निस्वार्थ भाव से काम किया। वह एक विनम्र व्यक्ति थे। मैं इसके बारे में और अधिक टिप्पणी नहीं कर सकती क्योंकि मैं एक सरकारी अधिकारी हूं। यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं इससे अधिक कुछ नहीं कह सकती।’’
पथनमथिट्टा के एक अन्य पूर्व कलेक्टर, आईएएस अधिकारी पी बी नूह ने बाबू के साथ काम करने के अपने अनुभवों को याद किया।
फेसबुक पर एक भावनात्मक पोस्ट में नूह ने बाबू को एक सज्जन व्यक्ति के रूप में याद किया, जो नौकरशाही की पाबंदियों के बिना लोगों के साथ बातचीत करते थे और बहुत कुशलता से काम करते थे।
उन्होंने कहा कि बाबू जैसे अधिकारियों के काम के कारण 2018 की बाढ़ के दौरान संकट, सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश को लेकर विवाद और फिर कोविड-19 महामारी पर काबू पाया जा सका।
नूह ने कहा, ‘‘यह असहनीय है कि एक व्यक्ति जो हमेशा मुस्कुराता रहता था, जिसने कभी किसी चीज के बारे में शिकायत नहीं की और आसानी से किसी के भी साथ घुल मिल जाता था, आखिरकार इस तरह अलविदा कह रहा है। वह 30 साल से अधिक की सेवा के बाद बेहतर विदाई के हकदार थे।”
राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन और स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने भी यहां कलक्ट्रेट में बाबू को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाबू के पार्थिव शरीर को बाद में यहां मलयालापुझा स्थित उनके घर लाया गया।
जैसे ही उनका पार्थिव शरीर कलेक्ट्रेट से घर लाया गया तो उनकी पत्नी, बेटियां और परिवार के अन्य सदस्य बाहर आए और उनके पार्थिव शरीर के पास बैठकर कर रोने लगे। पड़ोसी, मित्र, रिश्तेदार, सहकर्मी और बाबू को जानने वाले अन्य लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे।
बाबू को मंगलवार की सुबह अपने गृह जिले पथनमथिट्टा पहुंचकर यहां के एडीएम के रूप में कार्यभार संभालना था, हालांकि इससे पहले ही उनका शव उनके आवास में लटका हुआ मिला।
एक दिन पहले उनके सहयोगियों ने विदाई समारोह आयोजित किया था, जिसमें जिला कलेक्टर अरुण के विजयन ने भाग लिया था। इस दौरान कथित तौर पर निमंत्रण के बिना समारोह में पहुंचीं दिव्या ने बाबू पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे।
दिव्या ने चेंगलाई में एक पेट्रोल पंप को मंजूरी देने में कई महीनों की देरी के लिए एडीएम की आलोचना की थी और कहा था कि उन्होंने स्थानांतरण के दो दिन बाद ही मंजूरी दे दी। उन्होंने संकेत दिया था कि वह अचानक दी गई इस मंजूरी के कारणों को जानती हैं।
इस बीच, विधायक पी. वी. अनवर ने माकपा और वामपंथी सरकार पर बाबू को भ्रष्ट अधिकारी के रूप में चित्रित करने का प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा कि इसके पीछे मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के राजनीतिक सचिव पी शशि का हाथ है।
बाबू की मौत के बाद राज्य में विवाद पैदा हो गया है। विपक्षी कांग्रेस ने सत्तारूढ़ माकपा की कन्नूर जिला पंचायत अध्यक्ष दिव्या के इस्तीफे और गिरफ्तारी की मांग की है। भाजपा ने भी ऐसी ही मांग की है।
राजस्व मंत्री राजन ने पहले कहा था कि बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार की कोई शिकायत नहीं है और उनकी मौत के मामले की गंभीरता से जांच की जाएगी।
बाबू के परिवार ने उन्हें भ्रष्ट बताने के प्रयासों को खारिज कर दिया है और दावा किया है कि उनकी मौत के पीछे एक ‘‘साजिश’’ है जिसकी जांच होनी चाहिए।
भाषा
देवेंद्र रंजन
रंजन
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