मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मंगलवार को महायुति सरकार पर आरोप लगाया कि वह राज्य को ‘‘पुलिस राज्य’’ में बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने दावा किया कि हास्य कलाकार कुणाल कामरा के शो में शामिल होने वाले दर्शकों को भी नोटिस जारी किए गए।
सपकाल ने खबरों का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह के नोटिस जारी करना महाराष्ट्र को पुलिस के नियंत्रण वाले शासन में बदलने के प्रयास किए जाने का संकेत है।
हालांकि, मुंबई पुलिस ने खार इलाके में एक होटल के स्टूडियो में आयोजित कामरा के विवादास्पद शो में शामिल हुए दर्शकों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करने से इनकार किया है।
गृह मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर ताजा हमला करते हुए सपकाल ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी के मंत्री खुलेआम धमकियां दे रहे हैं, जबकि गृह मंत्री ‘‘धृतराष्ट्र की तरह आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) महज ‘शोपीस’ बनकर रह गए हैं।’’
कामरा सोमवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को ‘‘गद्दार’’ कहने के प्रकरण में दर्ज मामले के सिलसिले में पुलिस के समक्ष पेश नहीं हुए। पुलिसकर्मी माहिम स्थित उनके घर भी पहुंचे थे।
सपकाल ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकार कामरा की व्यंग्य कविता से घबरा गई। क्या कुणाल कामरा का शो देखना अपराध है? निर्दोष को सजा देना और दोषियों को छोड़ देना महायुति सरकार की नीति है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्री और पुलिस प्रमुख महज कठपुतली हैं। वे विपक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने को तत्पर हैं, लेकिन अपराधी खुलेआम घूमते हैं।’’
सपकाल ने कहा कि नेताओं को अपने बारे में किए जाने वाले मजाक को बड़े दिल से स्वीकार करना चाहिए और व्यंग्य को हास्यपूर्ण ढंग से लेना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी कठोर व्यंग्य किया गया, लेकिन कलाकारों या उनके दर्शकों को कभी इस तरह से परेशान नहीं किया गया।’’
भाषा नेत्रपाल पारुल
पारुल
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