ठाणे, नौ अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 2008 में दंगा करने और एक महिला पर हमला करने के आरोपी पांच लोगों को ठोस सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए बरी कर दिया है।
कल्याण स्थित एक अदालत के जिला न्यायाधीश पी. पी. मुले ने धनजी लक्ष्मण घावट, नामदेव मोतीराम घावट, पांडुरंग यशवंत घावट, पांडुरंग देउ वडावले और वामन बलसीराम घावट को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत आरोपों से बरी कर दिया।
यह आदेश दो अगस्त को सुनाया गया, जिसकी प्रति शनिवार को उपलब्ध हुई।
ये आरोपी 21 मार्च 2008 को कथित तौर पर मुरबाद तालुका के मिल्हे गांव में गैरकानूनी तरीके से एकत्र हुए, उन्होंने एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाई। इसके बाद आरोपियों ने एक पड़ोसी के घर में घुसकर नुकसान पहुंचाया और लोगों पर हमला किया।
न्यायाधीश मुले ने कहा कि अभियोजन पक्ष का मामला अपराध करने के समान उद्देश्य से गैरकानूनी तरीके से एकत्र होने पर आधारित था। हालांकि, प्रस्तुत साक्ष्य इसे साबित करने के लिए अपर्याप्त थे।
उन्होंने कहा कि पीड़िता ने स्वयं इस बात से इनकार किया है कि आरोपी ने कभी भी उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए उस पर किसी भी आपराधिक बल का प्रयोग किया।
फैसले में कहा गया, ‘‘किसी भी प्रत्यक्ष और ठोस सबूत के अभाव में, आरोपी के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं कहा जा सकता।’’
भाषा यासिर दिलीप
दिलीप
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