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Saturday, 23 November, 2024
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कलराज मिश्र राज्यपाल के लिए कैसे बने मोदी-शाह की पहली पसंद

मोदी शाह के तय किए सक्रिय राजनीति के लिए 75 लाल की उम्र सीमा का पहला शिकार कलराज मिश्र को होना पड़ा था.

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नई दिल्ली : पूर्व केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र हिमाचल प्रदेश के नए राज्यपाल बनाए गए हैं. जुलाई और अगस्त के बीच खाली हो रहे 12 राज्यों के राज्यपालों के पद के लिए 76 वर्षीय कलराज मिश्र का पहले चुना जाना बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को संदेश देने के लिए काफी है कि किसका नंबर आने वाला है और किसे अभी और इंतजार करना पड़ेगा. राष्ट्रपति भवन से जारी अधिसूचना के मुताबिक हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को गुजरात स्थानांतरित किया गया है. क्योंकि गुजरात के राज्यपाल ओ पी कोहली का कार्यकाल 16 जुलाई को खत्म हो रहा था .

क्यों आया कलराज का पहला नंबर ?

मोदी शाह के तय किए सक्रिय राजनीति के लिए 75 लाल की उम्र सीमा का पहला शिकार कलराज मिश्र को होना पड़ा था. मंत्रिमंडल से हटने के बाद भी कलराज मिश्र ने कभी भी किसी प्लेटफ़ार्म पर अपनी नाराजगी व्यक्त नहीं की थी. जिसका फायदा उन्हें तुरंत संगठन में मिला और उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए हरियाणा का चुनाव प्रभारी नियुक्त कर दिया गया. कलराज मिश्र ने न केवल हरियाणा में काम किया. बल्कि सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष शाह के हर फैसले की लगातार तारीफ की. सरकार बनने के बाद पहले राज्यपाल की नियुक्ति के लिए नाम तय करते वक्त पीएम मोदी और शाह को कलराज मिश्र के नाम पर किसी असमंजस का सामना नहीं करना पड़ा.

कहां-कहां खाली हो रहा है राज्यपाल का पद ?

गुजरात के बाद नागालैंड के राज्यपाल पी बी आचार्य का कार्यकाल 18 जुलाई को खत्म हो रहा है. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक 21 जुलाई को, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी 23 जुलाई को और त्रिपुरा के राज्यपाल कंप्तान सिंह सोलंकी 26 जुलाई को अपना कार्यकाल पूरा कर रहें है .

महाराष्ट्र के राज्यपाल सी विद्यासागर अपना कार्यकाल 29 अगस्त को, तो गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा 30 अगस्त को अपना कार्यकाल पूरा कर रहीं है . कर्नाटक के राज्यपाल राज्यपाल वजुभाई वाला 31 अगस्त को अपना कार्यकाल पूरा करने वाले है.

केंद्र को छत्तीसगढ़ में भी अलग से राज्यपाल नियुक्त करने हैं, जो बलराम दास टंडन के निधन के बाद से खाली पड़ा है.  मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन के पास छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार है. पूर्व आईबी निदेशक नरसिम्हन के पास आंघ्र प्रदेश और तेलांगना का प्रभार है. वहां भी सरकार को नई नियुक्ति करनी है. मिज़ोरम में राज्यपाल रहे राजशेखरन के चुनाव लड़ने के कारण खाली हुए पद पर भी सरकार को नियुक्ति करनी है. राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और केरल के राज्यपाल पी सदाशिवम का कार्यकाल भी सितंबर में खत्म हो रहा है .

कौन-कौन हैं दावेदार ?

चुनावी राजनीति से रिटायर किए गए बीजेपी के ढेर सारे वरिष्ठ नेता इस इंतजार में बैठें हैं कि उनका नंबर लग जाए पर नंबर उसी का आएगा जो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की चयन प्रक्रिया में फ़िट बैठेगा. हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पद से हाथ धो चुके प्रेमकुमार घूमल के साथ इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़े शांता कुमार, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और नैनीताल से सांसद रहे भगत सिंह कोश्यारी, मंत्रिमंडल से हटे पूर्व सांसद बंडारू दत्तात्रेय, पूर्व सांसद विजया चक्रवर्ती ,रमेश बैंस, पोन राधाकृष्णन जैसे नेताओं की क़तार राज्यपाल बनने के लिए तैयार है.

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