चेन्नई, चार अप्रैल (भाषा) तमिलगा वेत्री कषगम (टीवीके) के अध्यक्ष विजय ने मछुआरों के मुद्दे पर तमिलनाडु और केंद्र की सरकारों की आलोचना करते हुए शुक्रवार को सुझाव दिया कि श्रीलंका से कच्चातीवु द्वीप को वापस लेना राज्य के मछुआरों की पीड़ा को समाप्त करने का एकमात्र स्थायी समाधान होगा।
उन्होंने कहा कि जब तक ऐसा नहीं हो जाता, कच्चातीवु को 99 साल के पट्टे पर लिया जाना चाहिए और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को द्वीप राष्ट्र की अपनी यात्रा के दौरान इस समझौते को अंतिम रूप देना चाहिए।
विजय ने 1974 में कच्चातीवु सौंपे जाने के लिए तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की ‘‘सत्ता की भूख’’ को जिम्मेदार ठहराया।
विजय ने एक बयान में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि दो अप्रैल को द्रमुक सरकार ने राज्य विधानसभा में कच्चातीवु को वापस लेने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था, जो एक ‘‘दिखावा’’ था और उसकी नजर 2026 के विधानसभा चुनाव पर थी।
टीवीके संस्थापक विजय ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर कच्चातीवु और तमिलनाडु के मछुआरों के मुद्दे पर पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने गुजरात समेत अन्य राज्यों के मछुआरों की रक्षा की, लेकिन तमिलनाडु के मछुआरों को छोड़ दिया।
विजय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की वार्ता का उद्देश्य भारतीय मछुआरों की पीड़ा को समाप्त करना होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका की तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार की शाम को राजधानी कोलंबो पहुंच गये हैं।
भाषा धीरज देवेंद्र
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