नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी और देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर न्यायमूर्ति एन वी रमन्ना के नाम की सिफारिश की है. सूत्रों ने बताया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने वरिष्ठता क्रम के नियमों का पालन करते हुए यह सिफारिश की है.
सूत्रों ने बताया कि भारत के प्रधान न्यायाधीश बोबडे 23 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो जाएंगे. उन्होंने अपनी सिफारिश सरकार के पास भेजी है और इसकी एक प्रति न्यायमूर्ति रमन्ना को सौंपी है.
नियमों के मुताबिक, मौजूदा सीजेआई अपनी सेवानिवृत्ति के एक महीने पहले, अपने उत्तराधिकारी को लेकर एक सिफारिश भेजते हैं.
अगर सरकार सिफारिश मंजूर कर लेती है तो न्यायमूर्ति रमन्ना 24 अप्रैल को भारत के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर पदभार संभाल सकते हैं. वह 26 अगस्त 2022 में सेवानिवृत्त होंगे.
सरकार सीजेआई बोबडे की सिफारिश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजेगी. सीजेआई की सिफारिश के साथ ही भारत के अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
आंध्र प्रदेश में कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में 27 अगस्त 1957 में जन्मे न्यायाधीश रमन्ना ने 10 फरवरी 1983 को वकील के तौर पर करियर की शुरूआत की.
वह 27 जून 2000 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थाई न्यायाधीश नियुक्त हुए और उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया.
न्यायाधीश रमन्ना को दो सितंबर 2013 में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया और 17 फरवरी 2014 को उच्चतम न्यायाधीश का न्यायाधीश नियुक्त किया गया.
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