नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जानकारी दी कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को सोमवार को भारत का 50वां चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नियुक्त किया गया है.
जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सीजेआई के रूप में शपथ लेंगे. वो 74 दिनों के छोटे कार्यकाल की सेवा देने वाले जस्टिस यूयू ललित का स्थान लेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ को भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भारत के अगले सीजीआई के रूप में नियुक्त किया गया है. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने यह घोषणा ट्विटर पर की है.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘संविधान द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए माननीय राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के जज डॉ. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को देश का चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नियुक्त किया है. यह नियुक्ति 9 नवंबर 2022 से प्रभावी होगी.’
In exercise of the power conferred by the Constitution of India, Hon'ble President appoints Dr. Justice DY Chandrachud, Judge, Supreme Court as the Chief Justice of India with effect from 9th November, 22.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) October 17, 2022
पिछले हफ्ते, सीजेआई ललित ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की थी क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं.
जस्टिस चंद्रचूड़ अयोध्या भूमि विवाद, निजता के अधिकार और व्यभिचार से संबंधित मामलों सहित कई संविधान पीठों और शीर्ष अदालत के ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं.
दिलचस्प बाच यह है कि वह उस दिन कार्यभार संभालेंगे जिस दिन सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.
बता दें कि भारत के सीजेआई यू यू ललित ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर वरिष्ठतम न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के नाम की केंद्र से 11 अक्टूबर को सिफारिश की थी.
जस्टिस चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे. वह देश के सबसे लंबे समय तक सीजेआई रहे न्यायाधीश वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. उनके पिता 22 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक न्यायपालिका के शीर्ष पद पर काबिज रहे.
सरकार ने सात अक्टूबर को सीजेआई को एक पत्र भेजकर उनसे अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने को कहा था.
जस्टिस चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल होगा और वह 10 नवंबर 2024 को रिटायर्ड होंगे. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं.
उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया का संचालन करने वाले प्रक्रिया ज्ञापन के अनुसार, निवर्तमान सीजेआई ने विधि मंत्रालय से पत्र मिलने के बाद अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी.
ज्ञापन में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को सीजेआई पद के योग्य माना जाता है और ‘उचित समय पर’ न्यायपालिका के निवर्तमान प्रमुख की राय ली जाती है.
जस्टिस चंद्रचूड़ पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं. वह इस पद पर नियुक्त होने तक 29 मार्च 2000 तक बंबई हाई कोर्ट के न्यायाधीश थे.
बंबई हाई कोर्ट ने जस्टिस चंद्रचूड़ को जून 1998 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में पदस्थ किया और उन्हें उसी साल अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था.
दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए ऑनर्स करने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैम्पस लॉ सेंटर से एलएलबी की डिग्री ली और अमेरिका के हार्वर्ड लॉ स्कूल से ज्यूरिडिकल साइंस में डॉक्टरेट तथा एलएलएम की डिग्री ली.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और बंबई हाई कोर्ट में वकालत की और मुंबई विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून के अतिथि प्रोफेसर भी रहे.
भाषा के इनपुट के साथ
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