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Wednesday, 24 April, 2024
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डीवाई चंद्रचूड़ बने भारत के 50वें चीफ जस्टिस, यूयू ललित की ली जगह

शपत ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उपस्थित थे.

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नई दिल्ली: भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रपति भवन में शपथ ली. राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा, जो लगभग दो साल तक चलेगा.

शपत ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उपस्थित थे.

मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित 9 नवंबर को रिटायर हुए जिनकी जगह उनके बेटे चंद्रचूड़ की नियुक्ति हुई.

जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश रहे है.

न्यायपालिका के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब बाप और बेटा दोनों सीजेआई बने हैं.

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जस्टिस चंद्रचूड़ देश के प्रगतिशील और उदार जज के तौर पर जाने जाते हैं. उन्हें नागरिकों के मौलिक अधिकारों के प्रति भी बहुत संवेदनशील माना जाता है. जस्टिस चंद्रचूड़ की सबसे बड़ी विशेषता अपराधियों के प्रति उनके सख्त रवैये को माना जाता है.

11 नवंबर 1959 को जन्में जस्टिस चंद्रचूड़ को 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. वे सबरीमाला, समलैंगिकता, और अयोध्या जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई में शामिल रह चुके है.

चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी की पढ़ाई की है, 1998 में उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था. वे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रह चुके हैं.


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