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बुधवार, 14 मई, 2025
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जुलाई में महज आठ दिन की बारिश ने कमी की भरपाई कर दी

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( तस्वीरों के के साथ )

नयी दिल्ली, नौ जुलाई (भाषा) जुलाई के शुरूआती आठ दिनों में देश के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी-खासी बारिश हुई, जिसने देशभर में वर्षा में कमी की भरपाई कर दी है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मानसून के आगमन के बाद से अब तक 243.2 मिलीमीटर(मिमी) बारिश हुई है, जो सामान्य रूप से होने वाली वर्षा 239.1 मिमी से दो प्रतिशत अधिक है।

देश में अलग-अलग जगहों पर बारिश की मात्रा में काफी अंतर है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश के पूर्वी और उत्तरी-पूर्वी हिस्सों में 17 प्रतिशत कम (सामान्य रूप से होने वाली 454 मिमी के मुकाबले 375.3 मिमी) वर्षा हुई है, जबकि उत्तर भारत में 59 प्रतिशत (सामान्य रूप से होने वाली 125.5 मिमी के मुकाबले 199.7 मिमी) ज्यादा वर्षा दर्ज की गई है।

मध्य भारत में सामान्य रूप से होने वाली 255.1 मिमी के मुकाबले चार प्रतिशत ज्यादा 264.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है। क्षेत्र में काफी संख्या में किसान खेती किसानी के लिए मानसून की बारिश पर निर्भर रहते हैं।

दक्षिण भारत में वर्षा की कमी 45 प्रतिशत से घटकर 23 प्रतिशत रह गई है।

जून के अंत तक देश में 148.6 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी, जो सामान्य से 10 प्रतिशत कम थी। 22 जून को देश में वर्षा की कमी सामान्य से 33 प्रतिशत कम थी। लेकिन पिछले एक सप्ताह में हुई मूसलाधार बारिश से स्थिति में काफी सुधार हुआ है।

मौसम विभाग ने पूर्व में, जुलाई में 94 से 106 प्रतिशत दीर्घकालीन अवधि की वर्षा होने का पूर्वानुमान किया था। वहीं, उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व और दक्षिण-पूर्वी भारत में कई जगहों पर सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है।

उत्तरी-पश्चिमी भारत में सामान्य से ज्यादा पश्चिमी विच्छोभ के कारण मानसून आने से पहले सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। चक्रवातीय तूफान बिपारजॉय के कारण मानसून के केरल पहुंचने और दक्षिण भारत से गुजरते हुए पश्चिम तथा मध्य भारत तक पहुंचने में देरी हुई है। हालांकि इसके कारण देश के उत्तरी-पश्चिमी ओर मध्य हिस्से में जून के तीसरे सप्ताह में मूसलाधार बारिश हुई है।

सक्रिय पश्चिमी विच्छोभ और मानसून के आपस में मिलने के कारण शनिवार को लगातार मूसलाधार बारिश हुई है जिसके कारण हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अचानक बाढ़ आने घटनाएं हुई जिनसे संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है।

दिल्ली में शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटों में 153 मिमी बारिश हुई, जो जुलाई 1982 के बाद एक दिन में हुई सर्वाधिक वर्षा है। राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक 105 मिमी बारिश हुई। चंडीगढ़ और अंबाला में क्रमश: 322.2 मिमी और 224.1 मिमी बारिश दर्ज की गई।

विशेषज्ञों के अनुसार, मानसून देरी से आने के कारण मध्य भारत में ज्यादातर हिस्सों में फसलों की बुवाई में दो सप्ताह की देरी हुई है और उत्तरी भारत में लगातार हो रही बारिश का असर दलहन और तिलहन के पैदावार पर पड़ने की आशंका है।

भाषा अर्पणा नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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