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Sunday, 22 December, 2024
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अगर नहीं मिली डॉक्टरों को सुरक्षा की गारंटी तो डॉक्टर जाएंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की वहीं आज भी दिल्ली सहित कई राज्यों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अमरिंदर सिंह माल्ही ने कहा कि हम काम पर तो लौट रहे हैं लेकिन उनका प्रोटेस्ट जारी रहेगा.

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नई दिल्ली: सोमवार को कोलकाता के अनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दो इंटर्न डॉक्टरों पर किए गए हमले की धमक देश भर में सुनाई दे रही है. कल जहां देशभर के रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की वहीं आज भी दिल्ली सहित कई राज्यों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. सिर्फ राजधानी दिल्ली के 14 अस्पतालों के डॉक्टर हड़ताल पर हैं. एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अमरिंदर सिंह माल्ही ने कहा कि हम काम पर तो लौट रहे हैं लेकिन प्रोटेस्ट जारी रहेगा.

अमरिंदर सिंह माल्ही ने कहा कि हम बैंडेज और हैल्मेट पहनकर काम पर लौट रहे हैं. अगर स्थितियों में सुधार होता दिखाई नहीं देगा तो हम 17 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. वहीं दूसरी तरफ इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों का दल स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन से मिला और उनसे बंगाल में डॉक्टरों पर हुए हमले और डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर बात की.

बता दें कि बंगाल की स्वास्थ्य सेवा शुक्रवार को पूरी तरह से ठप्प रही. वहीं पश्चिम बंगाल के विभिन्न अस्पतालों से 150 डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है. डॉक्टर एक तरफ जहां अपनी पर्याप्त सुरक्षा की बात कर रहे हैं वहीं डॉक्टरों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा जातिवादी कहे जाने पर माफी मांगने की मांग कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल के हड़ताली डॉक्टरों के समर्थन में देशभर में चिकित्सकों द्वारा एकजुटता दिखाए जाने के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को सरकार से ऐसा कानून पारित कराने का अनुरोध किया, जिसके तहत डॉक्टरों पर हमला गैर-जमानती अपराध माना जाए.

उन्होंने ट्वीट किया, पश्चिम बंगाल ही नहीं, समूचे भारत में डॉक्टरों पर हमले जैसा जघन्य अपराध बार-बार होता है. सरकार को ऐसा कानून पारित कराना चाहिए, जिसके तहत डॉक्टरों पर किसी तरह का हमला गैर-जमानती अपराध माना जाए और अपराधी को कम से कम 12 साल कैद की सजा हो. ड्रैकोनियन क्लीनिकल एस्टैब्लिशमेंट एक्ट जो डॉक्टरों के साथ अपराधी जैसा व्यवहार करता है, उसे वापस लिया जाना चाहिए.

इस घटना के बाद राज्य के अधिकांश सरकारी अस्पतालों ने काम करना बंद कर दिया.

बता दें कि कोलकाता में बिगड़े हालात को देखते हुए केंद्रीय मंत्री हर्ष वर्धन ममता बनर्जी को खत लिख कर डॉक्टरों से बात करने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की रात डॉक्टरों को मिलने के लिए बुलाया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. जिसके बाद उन्होंने शनिवार को एक बार फिर उन्हें मिलने के लिए आमंत्रित किया है ताकि सरकारी अस्पतालों में जारी हड़ताल को खत्म किया जा सके. डॉक्टरों की मांग हैं कि वह उनसे बिना शर्त माफी मांगे.

इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची और उन्होंने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों को चार घंटे में काम पर वापस आने का अल्टीमेटम दिया जिसने हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के गुस्से को और भड़काने का काम किया. मुख्यमंत्री ममता ने बंगाल में डॉक्टरों के भड़कने का पूरी साजिश भाजपा पर लगाई है.

बता दें की आज दिल्ली में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने शनिवार को हड़ताल बुलाई है. फोर्डा के समर्थन में केंद्र सरकार के राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज ने भी हड़ताल का फैसला लिया. वहीं दिल्ली सरकार के डीडीयू, इहबास, संजय गांधी मेडिकल कॉलेज ने भी शनिवार को काम बंद रखने का निर्णय लिया है. वहीं इन सभी अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों के संगठन अपने निदेशक को पत्र लिखकर हड़ताल की सूचना दी है.

शुक्रवार को देशभर में प्रदर्शन तब शुरू हो गया, जब सोमवार देर रात कोलकाता के राजकीय एनआरएस अस्पताल में एक 75 वर्षीय मरीज की मौत के बाद उसके परिजनों द्वारा कथित रूप से एक जूनियर डॉक्टर की पिटाई की गई.

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