अहमदाबाद: जब जुनैद मोहम्मद नानाबावा 6 जून को लंदन से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरने वाले थे, तो उन्हें नहीं पता था कि यह उनके परिवार के साथ उनकी आखिरी ईद होगी.
38 वर्षीय जुनैद, उनकी पत्नी अकील और तीन वर्षीय बेटी सना, एयर इंडिया के विमान में सवार 242 लोगों में से थे, जो गुरुवार दोपहर अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही पल बाद हादसे का शिकार हो गई. उससे कुछ घंटे पहले, वे लंदन वापस जाने से पहले परिवार के साथ बिताए यादगार पलों के लिए बहुत उत्साहित थे.
गुरुवार की, आधी रात के कुछ समय बाद, एयर इंडिया ने पुष्टि की कि विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की दुर्घटना में मृत्यु हो गई.
जुनैद के पिता अब्दुल्ला मोहम्मद अपने बेटे के शव की पहचान के लिए रक्त का नमूना लेने के लिए किसी का इंतजार कर रहे हैं. बीजे मेडिकल कॉलेज में स्थापित डीएनए संग्रह केंद्र में एक बेंच पर बैठे अब्दुल्ला कहते हैं, “वह पिछले शुक्रवार को हमें ईद पर सरप्राइज देने के लिए आया था. हम उसे देखने और परिवार के साथ जश्न मनाने के लिए बहुत उत्साहित थे.” उनके साथ सूरत से उनके 20 से ज़्यादा रिश्तेदार भी हैं.
जब परिवार के लोग आते-जाते हैं, तो उनके चेहरे पर चिंता और डर साफ़ झलकता है. बीच-बीच में, बेचैनी भरी फुसफुसाहटों के बीच, कोई टूट जाता है और बहुत रोता है. हर कोई जानकारी पाने के लिए बेताब है. अस्पताल के पोस्टमार्टम सेक्शन के बाहर, हथियारबंद पुलिस कर्मी पहरा दे रहे हैं, और डॉक्टरों और दूसरे मेडिकल स्टाफ़ के अलावा किसी को भी अंदर जाने की इजाज़त नहीं है.

पिता और बेटे ने आखिरी बार दोपहर करीब 12.45 बजे बात की थी, जब बेटे ने फोन करके बताया था कि उनकी सुरक्षा जांच पूरी हो गई है. अब्दुल्ला कहते हैं कि जुनैद का व्यक्तित्व खुशमिजाज था और उसे अपने कैमरे से परिवार के ईद समारोहों के वीडियो शूट करना बहुत पसंद था.

जुनैद का जन्म और परवरिश लंदन में हुई, जहां वह एक जॉब प्लेसमेंट कंपनी चलाते थे, जिसकी अहमदाबाद में भी एक शाखा है.

अब्दुल्ला कहते हैं, “उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है, लेकिन वे अक्सर भारत आते रहते हैं.” सूरत के रामपुरा इलाके में यह परिवार काफ़ी मशहूर है, जहां वे एक निजी अस्पताल चलाते हैं.
गुरुवार दोपहर को, जब टीवी पर दुर्घटना के बारे में समाचार बुलेटिन ब्रॉडकास्ट हुआ, तो उनकी दुनिया बिखर गई. अब्दुल्ला अपने कई रिश्तेदारों के साथ अहमदाबाद पहुंचे.
लंदन जाने वाले इस विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, एक कनाडाई और सात पुर्तगाली नागरिक सवार थे.
मृतकों में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे.
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने जांच के आदेश दिए हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी गुरुवार शाम को घटनास्थल का दौरा किया.
दुर्घटना के दस घंटे बाद भी घटनास्थल पर विमान का मलबा भरा हुआ है. हवा में धुआं भरा हुआ है, पेड़ उखड़ गए हैं और कुछ पूरी तरह जल गए हैं. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधिकारी बाहर निकल आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अहमदाबाद का दौरा किया है.
उम्मीद अभी भी बाकी है
बी.जे. मेडिकल कॉलेज के डीएनए कलेक्शन सेंटर पर सैंपल इकट्ठा करने के लिए पांच डेस्क लगाए गए हैं, जिन पर कई टेस्ट ट्यूब रखी गई हैं. इन डेस्कों पर 30 से ज़्यादा लैब टेक्नीशियन निगरानी कर रहे हैं.

“सैंपल मिलने के बाद हम उसे शव से मिलाएंगे और 72 घंटे बाद रिपोर्ट देंगे. उसके बाद शव सौंप दिए जाएंगे,” ऐसा कहते हैं इंद्रवदन, जो एक लैब टेक्नीशियन हैं और सैंपल लेने में व्यस्त हैं. कई शव इतने बुरी तरह जले हुए हैं कि बिना डीएनए जांच के उनकी पहचान करना नामुमकिन है.
कुछ घंटे पहले, अमित शाह ने मीडिया से कहा: “करीब एक हज़ार डीएनए टेस्ट किए जाएंगे…शवों के डीएनए सैंपल भी इकट्ठा किए गए हैं…” उन्होंने यह भी कहा कि शवों को निकालने का काम लगभग पूरा हो चुका है.

अब्दुल्ला की तरह, वडोदरा के धवल (जो सिर्फ अपना पहला नाम बताते हैं) अपने चाचा और चाची के बारे में जानकारी का इंतज़ार कर रहे हैं, जो लंदन जा रही फ्लाइट में सवार थे. वह अपने पिता का इंतज़ार कर रहे हैं, जो डीएनए सैंपल देने के लिए वडोदरा से आ रहे हैं.
कमरे के दूसरे कोने में, रमणभाई पटेल अपनी बाँह फैला कर बैठे हैं, जहां उनका ब्लड सैंपल लिया जा रहा है. वह अपनी पोती निराली की तलाश में आए हैं, जो डेंटिस्ट और कनाडाई नागरिक हैं.

“उसने इसी मेडिकल कॉलेज से डेंटिस्ट्री की पढ़ाई की थी और फिर अपने करियर के लिए कनाडा चली गई थी,” पटेल कहते हैं, जो अपने परिवार के सदस्यों के साथ आए हैं. उनके परिवार की निगाहें टीवी पर एक बिस्तर पर लेटी महिला की तस्वीर पर टिकी हैं, जिसे वे निराली बता रहे हैं, और अब भी उन्हें उम्मीद है कि वह ज़िंदा है.
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