प्रयागराज (उप्र), 11 अक्टूबर (भाषा) कुंभ मेले में मुख्य स्नान पर्वों पर विभिन्न अखाड़ों के साधुओं के शाही स्नान को लेकर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने शुक्रवार को कहा कि दल-बल की दृष्टि से जूना अखाड़ा सबसे बड़ा अखाड़ा है, इसलिए जूना के साधु संन्यासियों को सबसे पहले स्नान करने देना चाहिए।
पुरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हाल में प्रयागराज में हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में जूना अखाड़ा के कुछ संतों ने विचार रखा था कि पहला स्नान उनका होना चाहिए । उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र है और सभी को अपना विचार रखने का अधिकार है।
उन्होंने कहा, “मेरा स्वयं का मत है कि जूना अखाड़ा का दल-बल बहुत ज्यादा है और यह संख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा अखाड़ा है। स्नान के दौरान पीछे वाले साधु-महात्मा, आगे वाले को धक्का देते हैं। नागा साधुओं को नियंत्रित नहीं किया जा सकता। इसलिए, जूना साधुओं को सबसे पहले स्नान करने देना चाहिए।’’
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा, “हालांकि, अखाड़ा परिषद की दिवाली बाद होने वाली बैठक में इस संबंध में सर्वसम्मति से निर्णय कर लिया जाएगा। पिछले कुंभ (2019) में महानिर्वाणी अखाड़ा के साधुओं ने सबसे पहले स्नान किया था।”
उन्होंने कहा कि पहले स्नान को लेकर अखाड़ों के बीच कोई विवाद नहीं है और ये सभी साधु हैं जिन्होंने अपनी बात रखी है।
भाषा राजेंद्र राजकुमार
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