नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) शिवसेना (उबाठा) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश के आवास से नकदी बरामद होने के आरोपों के मद्देनजर न्यायिक जवाबदेही पर राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा मंगलवार को बुलाई गई बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
बैठक के बाद संसद परिसर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि सदन अगले सप्ताह इस मुद्दे पर चर्चा कर सकता है।
चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘आज की बैठक में कोई निष्कर्ष नहीं निकला। सभापति अब सदन के नेताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से इस पर चर्चा करेंगे और निष्कर्ष पर पहुंचेंगे… इस पर आने वाले सप्ताह में सदन में चर्चा हो सकती है।’’
एक सूत्र के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने इस मुद्दे पर सदन के पटल पर चर्चा करने की मांग की।
तृणमूल के एक नेता ने कहा, ‘‘संसद में मुद्दों पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है? मुद्दों को सूचीबद्ध करने और चर्चा करने की एक प्रणाली है। कोई सांसद या तो नोटिस देता है या प्रस्ताव लाता है।’’
टीएमसी नेता ने कहा, ‘‘एआईटीसी ने अन्य मुद्दों के अलावा जाली ईपीआईसी कार्ड के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है, जिसे पिछले 10 दिनों से सूचीबद्ध किए जाने का इंतजार है। हम धैर्य बनाए रखते हैं, लेकिन यह सरकार संसद का अपमान कर रही है। इन सभी मुद्दों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। कहीं और नहीं।’’
इस बीच भाजपा सांसद किरण चौधरी ने इसे सभापति द्वारा की गई ‘अच्छी पहल’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक अच्छी पहल है। न्यायपालिका पर सभी का भरोसा है, लेकिन यह घटना, जिस तरह की बातें कही जा रही हैं, चाहे वे सच हों या झूठ, चिंता पैदा करती हैं। अगर न्यायपालिका से भरोसा उठ गया, तो कुछ भी नहीं बचेगा।’’
धनखड़ ने सोमवार को सदन के नेता जे पी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के साथ बैठक की थी और कहा था कि उन्होंने इस मुद्दे को आगे बढ़ाने से पहले प्रधान न्यायाधीश द्वारा नियुक्त आंतरिक जांच पैनल के नतीजे का इंतजार करने का फैसला किया है।
यह बैठक 21 मार्च को सदन में कांग्रेस के नेता जयराम रमेश द्वारा नकद बरामदगी से जुड़े विवाद पर उठाए गए मुद्दों का जवाब देते हुए धनखड़ द्वारा की गई टिप्पणियों के संदर्भ में बुलाई गई थी।
भाषा संतोष पवनेश
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