नई दिल्ली : भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत के मुद्दे को उठाते हुए उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने एक स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज कर दिया था.
उन्होंने कहा पूरे देश ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच की मांग की थी, लेकिन पंडित नेहरू ने जांच का आदेश नहीं दिया. इतिहास इस बात का गवाह है. डॉ मुखर्जी का बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा, बीजेपी इसके लिए प्रतिबद्ध है. नई दिल्ली में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 66वीं पुण्यतिथि पर मीडिया से बातचीत करते हुए जेपी नड्डा के साथ गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी कैडर के लोगों ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी पुण्यतिथि पर रविवार को भाजपा मुख्यालय में श्रद्धांजलि अर्पित की.
डॉ. मुखर्जी 1951 में भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे. जो बाद में भाजपा बनी. उन्होंने जिस राजनीतिक दल का गठन किया था, वह वैचारिक रूप से आरएसएस का करीबी था और उसे हिंदू राष्ट्रवाद का समर्थक माना जाता है.
यह माना जाता है कि मुख़र्जी की मृत्यु रहस्यमय परिस्थितियों में हुई थी, जबकि वह श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के खिलाफ मुखर विरोध के लिए हिरासत में थे.
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि मुखर्जी और प्रजा परिषद के नेता प्रेम नाथ डोगरा ने जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा देने के खिलाफ 1950 के दशक की शुरुआत में ‘एक विधान, एक प्रधान, एक निशान’ आंदोलन शुरू किया था.
मुखर्जी को 11 मई, 1953 को राज्य में प्रवेश करते समय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. जून 1953 में श्रीनगर की जेल में उनकी हिरासत के दौरान मृत्यु हो गई थी.
हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि 23 जून 1953 को दिल का दौरा पड़ने के कारण मुखर्जी की मृत्यु हुई थी इसके पीछे कोई रहस्य नहीं है.