नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक घटना की झूठी और भ्रामक खबर चलाने का दावा करने वाले तीन पत्रकारों के खिलाफ मध्य प्रदेश पुलिस ने FIR दर्ज की है.
दबोह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव कौरव की शिकायत पर पुलिस ने स्थानीय पत्रकार कुंजबिहारी कौरव, अनिल शर्मा और एनके भटेले के खिलाफ दबोह थाने में मामला दर्ज किया है. आरोप था कि 15 अगस्त को पत्रकारों ने भिंड जिले के एक गांव के 76 वर्षीय ज्ञान प्रसाद विश्वकर्मा का झूठा वीडियो साझा किया, जिसे ठेले पर अस्पताल ले जाया जा रहा था.
पत्रकारों द्वारा साझा की गई खबर में दावा किया गया कि 108 पर कॉल करने के बाद भी एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंची, जिसके बाद परिवार के सदस्यों को मजबूर होकर मरीज को ठेले पर 5 किमी दूर अस्पताल ले जाया गया. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पीड़िता सरकारी योजनाओं का लाभार्थी नहीं है.
वीडियो वायरल होने के बाद, भिंड के जिलाधिकारी सतीश कुमार ने जांच की और कहा कि यह खबर झूठी थी, क्योंकि एम्बुलेंस के लिए कोई कॉल नहीं किया गया था.
डीएम ने कहा, ‘बेटा, जो एक गाड़ी का मालिक है, अक्सर अपने पिता को अपनी गाड़ी पर चिकित्सा के लिए ले जाता था. उसने एम्बुलेंस के लिए 108 को नहीं बुलाया. परिवार को पीएम आवास योजना, पेंशन योजनाओं और बीपीएल कार्ड सहित सभी सरकारी लाभों का लाभ मिल रहा है. इस मामले को लेकर पत्रकारों द्वारा फैलाई गई खबर झूठी और भ्रामक है और इसके बाद दबोह थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है.’
पुलिस ने बताया, ‘तीन पत्रकारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 505 (2) और आईटी अधिनियम की धारा 66 (एफ) 1 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.’
हालांकि, पीड़ित ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारियों ने कोरे कागज पर उसके हस्ताक्षर करवा दिए.
पीड़िता ने आरोप लगाया, ‘उन्होंने (अधिकारियों ने) मुझे धमकी दी कि अगर मैं मीडिया से कुछ भी बोलूंगी तो वे सरकार की योजनाओं को रोक देंगे जो मुझे मिल रही हैं.’
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