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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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शिवाजी महाराज के खिलाफ टिप्पणी को लेकर पत्रकार प्रशांत कोरटकर तेलंगाना से गिरफ्तार

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मुंबई/पुणे, 24 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र पुलिस ने सोमवार को कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में नागपुर के पत्रकार प्रशांत कोरटकर को तेलंगाना से गिरफ्तार किया गया है।

एक अधिकारी ने बताया, “कोरटकर को तेलंगाना से हिरासत में लिया गया और उसे महाराष्ट्र लाया जा रहा है।”

कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित ने बताया, “हमने कोरटकर को हिरासत में लिया है और पुलिस की एक टीम उसे कोल्हापुर ला रही है। आगे की कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।”

पंडित के अनुसार, जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि कोरटकर तेलंगाना में है और उसे गिरफ्तार करने के लिए तुरंत पुलिस की एक टीम भेजी गई।

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र वापस लाने के बाद उसे कोल्हापुर की एक अदालत में पेश किया जाएगा।

सत्रहवीं सदी के मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे छत्रपति संभाजी महाराज के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में कोरटकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

कोरटकर और कोल्हापुर के इतिहासकार इंद्रजीत रावत के बीच हुई बातचीत के आधार पर 26 फरवरी को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत समूहों के बीच नफरत या दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में कोरटकर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

कोरटकर ने इस बातचीत के दौरान कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसे सावंत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और इसके परिणामस्वरूप व्यापक आक्रोश फैल गया, जिसके बाद पत्रकार की गिरफ्तारी की मांग की गई।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीवी कश्यप ने कोरटकर को एक मार्च तक अग्रिम जमानत दी थी, लेकिन कोल्हापुर पुलिस ने आदेश के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और पत्रकार को दी गई अंतरिम राहत को रद्द करने का अनुरोध किया।

उस समय, बंबई उच्च न्यायालय ने कोल्हापुर सत्र न्यायालय को मामले की सुनवाई करने के लिए कहा था।

कोल्हापुर में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीवी कश्यप की अदालत ने 18 मार्च को कोरटकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।

कोरटकर ने अग्रिम जमानत का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि उनके फोन को हैक किया गया था और ऑडियो से छेड़छाड़ की गई थी।

पत्रकार ने यह भी उल्लेख किया था कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है।

कोरटकर ने दलील दी थी कि प्राथमिकी दर्ज करने से पहले वीडियो जारी करने का सावंत का फैसला सांप्रदायिक तनाव को भड़काने और शांति भंग करने के इरादे से किया गया था।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को इन आरोपों का खंडन किया था कि पुलिस कोरटकर को बचा रही है, जो उनके गृह नगर नागपुर में रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा था, “पुलिस कोरटकर की तलाश कर रही है और वह जहां भी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”

भाषा जितेंद्र पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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