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Saturday, 11 May, 2024
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जोशीमठ के जिला मजिस्ट्रेट ने क्षतिग्रस्त घरों के लोगों के साथ की बैठक, होटल मालिक धरने पर बैठे

जोशीमठ क्षेत्र में भूस्खलन और धंसाव से क्षतिग्रस्त हुए दो होटलों को तोड़े जाने की खबरों के बीच एक होटल का मालिक मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ गया.

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नई दिल्ली: उत्तराखंड के जोशीमठ जिला मजिस्ट्रेट ने जोशीमठ में भूमि धंसने के कारण क्षतिग्रस्त हुए घरों के लोगों के साथ बुधवार को एक बैठक की. जानकारी के अनुसार 53 परिवारों को 5000 रुपये की मदद दी जाएगी एवं ज्यादा नुकसान वाले 10 घरों को 1.3 लाख की मदद दी जाएगी.

इसी बीच उत्तराखंड चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि ‘पिछले कुछ दिनों में कर्णप्रयाग में भी दरारें देखी गयी है, इसलिए उस जगह को बचाने के लिए IIT रुड़की इस पर अध्ययन कर रहे हैं और इनके अध्ययन के हिसाब से हम आगे की कार्रवाई करेंगे.

हिमांशु ने आगे बताया कि ‘हमारे सर्वे के बाद 723 मकानों में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टच में हैं ताकि अगर और कहीं दरारें हो तो वो हमें बताए. अबतक 131 परिवार को हमने रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर दिया है.’

कर्णप्रयाग के कई घरों में दरारें आने के बाद एक स्थानीय निवासी ने कहा कि ‘ये घर 2 साल पुराना है और एक साल से इसमें दरारें आना शुरू हुई हैं इसके लिए हमने प्रशासन से भी बात की तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ 5,200 रुपए दिए हैं.’

सुरक्षा को देखते हुए जोशीमठ के कुछ दरारें पड़ी होटलों को भी ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है.

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जोशीमठ क्षेत्र में भूस्खलन और धंसाव से क्षतिग्रस्त हुए दो होटलों को तोड़े जाने की खबरों के बीच एक होटल का मालिक मुआवजे की मांग को लेकर बुधवार को अपने परिवार के साथ धरने पर बैठ गया.

एएनआई से बात करते हुए होटल के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा, ‘मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है, मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं.’

अधिकारियों ने पहले कहा था कि होटल इन और होटल माउंट व्यू, जिनमें अधिक दरारें विकसित हुई हैं, को कुछ दिनों में नष्ट कर दिया जाएगा, जिसमें कहा गया है कि सभी निवासियों को ‘असुरक्षित क्षेत्रों’ से सुरक्षित निकाल लिया गया है.

सूत्रों के मुताबिक मुआवजे की मांग को लेकर होटल मालिक जिलाधिकारी से मिलेंगे.

अधिकारियों ने पहले कहा था कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), रुड़की के विशेषज्ञों की एक टीम की देखरेख में इमारतों को गिराया जाएगा.

जानकारी के अनुसार एनडीआरएफ की एक टीम आवश्यकता पड़ने पर विखंडन कार्य में जिला प्रशासन की सहायता के लिए भी तैयार की गयी है.

एनडीआरएफ ने कहा, ‘विशेषज्ञ जमीन पर हैं और प्रशासन उनके निर्देश और सलाह पर कार्रवाई करेगा.’

राहत और बचाव कार्यों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के अधिकारियों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर मुलाकात भी की है.


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