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Friday, 15 November, 2024
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जेएनयू खान-पान की पसंद नहीं थोपता, हिंसा कतई बर्दाश्त नहीं: कुलपति

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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित ने बुधवार को कहा कि विश्वविद्यालय खान-पान की पसंद नहीं थोपता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थी परिसंवाद एवं चर्चा कर सकते हैं किंतु उन्हें हिंसा में लिप्त नहीं होना चाहिए।

उनका बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले एक छात्रावास भोजनालय में मासांहार परोसने को लेकर दो गुटों में कथित रूप से झड़प हो गयी, वहां रामनवमी के मौके पर कुछ विद्यार्थियों ने पूजा का आयोजन किया था।

पंडित ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ विश्वविद्यालय किसी भी विद्यार्थी पर किसी तरह के भोजन की पसंद नहीं थोपता है। यह उसका व्यक्तिगत अधिकार एवं मौलिक अधिकार है। ’’

कुलपति ने कहा, ‘‘हम हिंसा को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। बहस, परिसंवाद, आंदोलन कीजिए लेकिन विद्यार्थियों को हिंसा में नहीं लिप्त होना चाहिए।’’

पंडित ने बुधवार को छात्रसंघ तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के सदस्यों से भेंट भी की।

छात्रा के तौर पर विश्वविद्यालय में अध्ययन के अपने दौर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय किसी धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं होती थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन पिछले 20 सालों में इसकी अनुमति दी गयी। इसे रोकना मुश्किल है क्योंकि लोग ऐसी चीजों के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। जबतक यह शांति होता है, हमें कोई दिक्कत नहीं है। यह पहचान इन दिनों बहुत मजबूत हो गयी है।’’

कुलपति ने दोहराया कि छात्रावास भोजनालय का संचालन विद्यार्थियों एवं छात्रावास अधीक्षक द्वारा किया जाता है और प्रशासन का उससे कोई लेना-देन नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘ प्रशासन के किसी भी कदम को चीजों को थोपने या उनके अधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखा जाएगा। ’’

विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति ने कहा कि अबतक उन्हें जो पता चला है , उस हिसाब से कावेरी छात्रावास के बाहर के लोग 10 अप्रैल के हमले में शामिल थे।

दस अप्रैल को हिंसा में कम से कम 20 विद्यार्थी घायल हो गये थे। वाम समर्थित छात्र संघ और आरएसएस संबंधित अभाविप ने एक दूसरे पर हिंसा शुरू करने का आरोप लगाया।

भाषा

राजकुमार पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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