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Friday, 10 May, 2024
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दिल्ली हाई कोर्ट ने कराई खाप पीड़ित जोड़े की जेएनयू में फिर से एंट्री, बाहर फंसे अन्य छात्रों की नहीं होगी कैंपस में वापसी

जेएनयू के कई छात्र दिल्ली में कैंपस के बाहर फंसे हुए हैं. लॉकडाउन के पहले वो इस जोड़े की ही तरह बाहर आ गए थे. लेकिन उन्हें कैंपस वापस लौटने की अनुमति नहीं मिली.

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नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन को जेएनयू परिसर में एक शादीशुदा जोड़े को वापस लेने का आदेश दिया है. अदालत ने ये आदेश इस वजह से दिया है क्योंकि लॉकडाउन से पहले कैंपस छोड़ने वाले इस जोड़े के पास जाने के लिए कोई और जगह नहीं है. जस्टिस नजमी वज़ीरी इस मामले की सुनवाई कर रहे थे.

दरअसल, इस जोड़े ने अपने परिवार और खाप की मर्ज़ी के खिलाफ जाकर शादी की थी. दोनों पिछले तीन सालों से जेएनयू परिसर में ही रह रहे हैं और लड़का पीचएडी स्कॉलर है. उसकी पीएचडी को पूरा होने में अभी दो साल का समय बाकी है.

हाई कोर्ट ने कहा, ‘उन्होंने (जोड़े ने) जानकारी दी है कि उन्होंने परिवार वालों और बुज़ुर्गों (खाप) की मर्ज़ी के खिलाफ शादी की है. ऐसे में वो अपने घर वापस नहीं जा सकते हैं. ऐसी महामारी के हालात में उन्हें कहीं और रहने का ठिकाना नहीं मिलेगा. ऐसे में उन्हें परिसर में उन्हें मिली जगह में वापस जाने दिया जाए.’

जेएनयू प्रशासन ने 2 जुलाई को जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में यूनिवर्सिटी के 31 जुलाई तक बंद रहने की घोषणा की थी. ये इस तरह का छठा नोटिफिकेशन है. इसमें कहा गया है, ‘छात्र जहां हैं वहीं रहें और अगले नोटिस तक कैंपस वापस मत आएं.’

जेएनयू के कई छात्र दिल्ली में कैंपस के बाहर फंसे हुए हैं. लॉकडाउन के पहले वो इस जोड़े की तरह बाहर आ गए थे. लेकिन उन्हें कैंपस वापस लौटने की अनुमति नहीं मिली. जेएनयू के वीसी एम जदगीश कुमार ने बीते दिनों दिप्रिंट को जानकारी दी थी कि अगर बाहर फंसे छात्रों को कैंपस लौटने की अनुमति दी जाती है तो इससे कैंपस में मौजूद छात्रों को खतरा हो सकता है.

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हालांकि, हाई कोर्ट के इस फैसले से जेएनयू के बाहर फंसे अन्य छात्रों के लिए कुछ नहीं बदलने वाला. जेएनयू के लिए पेश हुईं अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि इस जोड़े की परिस्थितियां अलग हैं. ऐसे में इन्हें कैंपस में वापस आने की अनुमति दी जाएगी.

हालांकि, आरोड़ा का हवाला देते हुए कोर्ट ने ये भी कहा, ‘इसे नियम के तौर पर मत लिया जाए क्योंकि ये फैसला विशेष तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.’

जोड़े के वकील ने कोर्ट को जानकारी दी कि इन्हें जो अपार्टमेंट मिला है वो बिलकुल अलग प्रकृति का है जिसमें किसी से मिलने मिलाने की संभावना नहीं. हालांकि, कोर्ट ने जोड़े से कोविड-19 को फैलने से रोकने वाले यूनिवर्सिटी के सर्कुलर का पालन करने को भी कहा है.

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