नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्यों ने रविवार को आरोप लगाया कि वामपंथी कार्यकर्ताओं ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर, उनके फोटो को नुकसान पहुंचाया और हंगामा किया.
वामपंथी कार्यकर्ताओं पर छत्रपति शिवाजी महाराज का ‘अपमान’ करने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने भी विरोध प्रदर्शन किया.
रविवार को स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर की दीवारों पर शिवाजी महाराज का चित्र लगाया गया था, एबीवीपी सदस्यों ने आरोप लगाया कि वामपंथी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने फोटो को नुकसान पहुंचाया और तोड़फोड़ की.
एबीवीपी जेएनयू के सचिव उमेश चंद्र अजमेरा ने कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर हमने स्टूडेंट एक्टिविटी सेंटर के बाहर दीवारों पर शिवाजी महाराज का चित्र श्रद्धांजलि के रूप में लगाया था.’
अजमेरा ने आरोप लगाया, ‘लेकिन जेएनयू के ‘कम्युनिस्ट’ इसे पचा नहीं पाए. ‘100 फ्लावर्स ग्रुप’ और एसएफआई के लोग आए और शिवाजी महाराज के चित्र को तोड़ दिया.’
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि इस घटना में शामिल लोग बाहरी थे और बिना अनुमति के कॉलेज परिसर में घुस गए थे.
अजमेरा ने आगे बताया कि जब हमने उन्हें ये सब रोकने को कहा, तो उन्होंने कहा, ‘हम ऐसा करेंगे, हम उन पर विश्वास नहीं करते हैं, हम केवल मार्क्सवादी और लेनिनवादी विचारधारा में विश्वास करते हैं.’
उन्होंने कहा कि न तो वे अपना आईडी कार्ड दिखा रहे थे, न ही वे बाहर जा रहे थे.
एबीवीपी सचिव ने जेएनयू प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उपद्रवियों को विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने से रोकने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा ‘हम जेएनयू प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए. हम प्रशासन से अवैध छात्रों को परिसर में प्रवेश करने और उपद्रव करने से रोकने का आग्रह करते हैं. इन लोगों को यूनिवर्सिटी का नाम खराब करने से रोका जाना चाहिए.’
एबीवीपी जेएनयू के सोशल मीडिया कन्वीनर कुमार आशुतोष ने कहा, ‘हम जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हैं और जेएनयूएसयू कार्यालय का नाम शिवाजी महाराज के नाम पर रखने की भी मांग करते हैं.’
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