पटना, 21 जनवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल छोड़ने की धमकी देते हुए आरोप लगाया कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उचित सम्मान नहीं मिल रहा है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने मुंगेर जिले में एक जनसभा के दौरान विभिन्न राज्य चुनावों में सीट बंटवारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा उनकी पार्टी को ध्यान में नहीं रखे जाने पर दुख जताया।
मांझी ने कहा, ‘झारखंड और दिल्ली में हमें कुछ नहीं मिला। यह कहा जा सकता है कि मैंने कोई मांग नहीं की। लेकिन, क्या यह न्याय है? मुझे नजरअंदाज किया गया क्योंकि इन राज्यों में मेरा कोई वजूद नहीं था। इसलिए हमें बिहार में अपनी योग्यता साबित करनी होगी।’
रामायण के एक श्लोक का हवाला देते हुए, जिसका अर्थ है कि अक्सर डर सम्मान को जन्म देता है, 80 वर्षीय नेता ने टिप्पणी की, ‘लगता है कि मंत्रिमंडल हमको छोड़ना पड़ेगा’।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग कह सकते हैं कि मैं राजग से लड़ रहा हूं। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नेतृत्व ऐसा है कि विद्रोह का कोई सवाल ही नहीं है। मैं एक दलील दे रहा हूं, टकराव में शामिल नहीं हूं’।
मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में चार विधायक हैं और वह अपने दल के अकेले सांसद हैं।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि वह इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के लिए ’40 सीटें’ चाहते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘अगर हमारी पार्टी 20 सीटें भी जीतती है, तो हम अपनी मांगें पूरी करवा पाएंगे।’
उन्होंने कहा कि वह किसी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा का पीछा नहीं कर रहे हैं, बल्कि ‘भुइयां-मुसहर’ के लिए बेहतर सौदे पर नजर रख रहे हैं, जो एक दलित समुदाय है जिससे वह आते हैं।
मांझी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के बारे में कहा कि इसने ‘कई अच्छे काम किए हैं’ लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में अपने एक साल से भी कम समय के कार्यकाल के दौरान उन्होंने दलित वर्गों से जो वादे किए थे, वे अभी भी पूरे नहीं हुए हैं।
नीतीश सरकार में मांझी के बेटे संतोष सुमन मंत्री हैं।
हाल के दिनों में यह दूसरा मौका है, जब मांझी ने राजग से अपनी नाराजगी सार्वजनिक रूप से जताई है।
उन्होंने रविवार को जहानाबाद में कहा था कि दिल्ली और झारखंड में उनकी पार्टी को ‘धोखा’ दिया गया।
इस बीच, राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने मांझी से कहा कि अगर उन्हें गंभीरता से लगता है कि दलितों को भाजपा की तुलना में बेहतर डील मिलनी चाहिए तो उन्हें ‘सत्ता की मलाई छोड़ देनी चाहिए।’
तिवारी ने कहा, ‘मांझी को सामाजिक न्याय की लड़ाई में शामिल होना चाहिए जिसका नेतृत्व हमारे नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव कर रहे हैं। लेकिन, इस मंथन के बिना, जिससे भाजपा हमेशा सावधान रहती है, मांझी को कभी भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जाती।’
भाषा
अनवर, रवि कांत रवि कांत
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