देवघर (झारखंड), 12 अप्रैल (भाषा) झारखंड के देवघर जिले में केबल कारों में फंसे सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि केबल कार से हेलीकॉप्टर में सवार होने के दौरान एक महिला के नीचे गिर जाने से उसकी मौत हो गई। घटना में मृतक संख्या बढ़कर तीन हो गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
शेष 15 पर्यटकों में से 14 को वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने केबल कारों से सुरक्षित निकाल लिया। इसके साथ ही बचाव अभियान समाप्त हो गया। ये सभी लोग लगभग 40 घंटे तक त्रिकूट पहाड़ियों पर एक रोपवे पर फंसे हुए थे।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर. के. मलिक ने फोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘केबल कारों में फंसे शेष 15 लोगों में से 14 को बचा लिया गया है, जबकि बचाव अभियान के दौरान एक महिला हेलीकॉप्टर से नीचे गिर गई।’’
देवघर के सिविल सर्जन सी. के. शाही ने कहा कि 60 वर्षीय शोभा देवी नामक महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
मलिक ने कहा कि सुरक्षित निकाले गए लोगों को अस्पताल भेज दिया गया है, जहां उनकी जांच की जाएगी।
रविवार को तकनीकी खराबी के कारण केबल कारों की टक्कर के बाद रोपवे पर फंसे 60 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद अब बचाव अभियान समाप्त हो गया है। सभी को वायुसेना के दो हेलीकॉप्टरों की मदद से निकाला गया।
बचाव प्रयासों के दौरान सोमवार और मंगलवार को हेलीकॉप्टर से गिरे दो पर्यटकों सहित अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 12 घायलों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
वायुसेना, सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से बचाव अभियान चलाया गया। केबल कारों में फंसे लोगों को ड्रोन से भोजन और पानी की आपूर्ति की गई।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की है। सोरेन ने कहा, ‘‘राज्य सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है।’’
राज्यपाल रमेश बैस ने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की है। झारखंड पर्यटन विभाग के अनुसार त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा रोपवे है। यह लगभग 766 मीटर लंबा है।
भाषा सुरभि वैभव
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