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रांची, सात मई (भाषा) पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा अंजाम दिए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई के बीच झारखंड में बुधवार को छह स्थानों पर ‘मॉक ड्रिल’ की तैयारियां पूरी की गईं। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि यह तीन घंटे का ‘मॉक ड्रिल’ रांची, जमशेदपुर, बोकारो, गोड्डा और साहिबगंज जिलों में शाम चार बजे से नागरिक सुरक्षा संगठनों के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने सोमवार को विभिन्न राज्यों से बुधवार को ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित करने को कहा था, क्योंकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच “नई और जटिल चुनौतियों” को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता और महानिरीक्षक अमोल वी होमकर ने बताया, “ ‘मॉक ड्रिल’, संबंधित जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित स्थानों पर किया जाएगा। ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान, कुछ आपातकालीन स्थितियों का अनुकरण किया जाएगा और ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए नागरिक सुरक्षा, पुलिस, अग्निशमन सेवा, चिकित्सा टीम समेत विभिन्न एजेंसियों और जनता की तैयारियों के लिए अभ्यास किए जाएंगे।”
उन्होंने कहा कि इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को बेहतर बनाना, आपदा प्रतिक्रिया में लगने वाले समय को कम करना, उसे प्रभावी बनाना और लोगों में जागरूकता बढ़ाना है।
रांची में यह ‘मॉक ड्रिल’ शहर के डोरंडा क्षेत्र में शाम चार से सात बजे तक किया जाएगा।
रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा, “ड्रिल के दौरान जब सायरन बजे तो आमजन घबराएं नहीं। नागरिकों से अनुरोध है कि वे अभ्यास के समय अपने घरों की बिजली बंद रखें। यह अभ्यास आप और आपके परिवार को आपात स्थिति में सुरक्षित रखने की तैयारी है।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद नागरिक सुरक्षा ‘मॉक ड्रिल’ आयोजित किया जाएगा।
भजंत्री ने लोगों से आग्रह किया, ‘यह अभ्यास आपको और आपके परिवार को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित रखने के लिए एक तैयारी है। आइए, सीखें कि कैसे तैयार रहें।’
एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान खतरे की चेतावनी देने के लिए सायरन, ब्लैकआउट, प्रमुख ढांचों की सुरक्षा और आपात स्थिति में घायलों को निकालने जैसी गतिविधियां की जाएंगी।
भारतीय सशस्त्र बलों ने मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात पाकिस्तान एवं पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिनमें बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ और मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना शामिल है।
पहलगाम हमले के दो सप्ताह बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत ये सैन्य हमले किए गए। पहलगाम आतंकवादी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की जान गई थी।
भाषा राखी मनीषा
मनीषा
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