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गुरूवार, 15 मई, 2025
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झारखंड सरकार ने पेसा अधिनियम पर सामाजिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया

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रांची, 15 मई (भाषा) झारखंड सरकार ने बृहस्पतिवार को पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम पर विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श किया।

पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम को आमतौर पर पेसा अधिनियम के नाम से जाना जाता है।

अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों के अधिकारों को मान्यता देने वाला पेसा अधिनियम 1996 में लागू किया गया था। राज्य में इस कानून को अब तक लागू नहीं किया गया है।

पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में झारखंड पंचायत प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) नियम, 2024 के मसौदे पर चर्चा की गई।

पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडे सिंह ने कहा, ‘‘राज्य सरकार केंद्रीय कानून की भावना के अनुरूप झारखंड में कानून को लागू करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आज की कार्यशाला में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भाग लिया, जिन्होंने मसौदे पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उनके सुझावों को अंतिम मसौदे में शामिल किया जाएगा।’’

कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दीपक बिरुआ और कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की भी शामिल हुईं।

तिर्की ने कहा, ‘‘पंचायती राज विभाग की यह एक सराहनीय पहल है। हमने सामाजिक संगठनों की चिंताओं को सुना। उनके सुझावों के साथ राज्य में पेसा अधिनियम के लिए एक मजबूत मसौदा तैयार किया जाएगा।’’

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस पहल के सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद जताई।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज्य के लिए सबसे अच्छा क्या है, यह निर्धारित करने के वास्ते चर्चा आवश्यक है। मुझे उम्मीद है कि इन विचार-विमर्शों से सकारात्मक परिणाम मिलेंगे।’’

भाषा सुरभि धीरज

धीरज

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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