(संजय कुमार डे)
रांची, 25 अक्टूबर (भाषा) झारखंड में राजनीतिक दल घाटशिला उपचुनाव में महिला मतदाताओं का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जहां उनकी संख्या पुरुषों से लगभग पांच प्रतिशत अधिक है।
घाटशिला निर्वाचन क्षेत्र में 2,56,252 मतदाताओं में से 1,31,180 महिलाएं और 1,25,078 पुरुष हैं।
राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) अपनी सबसे लोकप्रिय पहल ‘मईयां सम्मान योजना’ पर भरोसा कर रहा है। वहीं, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के साथ महिलाओं का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है और राज्य में ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध की बढ़ती घटनाओं’’ को उजागर कर रही है।
झामुमो के प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में मतदाता, विशेषकर महिलाएं, पारंपरिक रूप से पार्टी के साथ रही हैं।
पांडेय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘महिला कल्याण योजना ‘मईयां सम्मान योजना’ शुरू होने के बाद यह समर्थन और भी मजबूत हुआ है, जो उन्हें आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बना रही है।’’
पिछले साल शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को 2,500 रुपये प्रति माह की सहायता मिलती है।
इस योजना को एक प्रमुख कारक माना जा रहा है जिसने कथित तौर पर झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को 2024 के विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार सत्ता में लौटने में मदद की।
पांडेय ने कहा कि सरकार ने राज्य में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई अन्य योजनाएं भी शुरू की हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, हमारे दो शीर्ष स्टार प्रचारक हैं – मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन, जो मतदाताओं के बीच सबसे प्रिय व्यक्ति हैं। इसलिए, हमें महिलाओं का पूरा समर्थन मिलने का भरोसा है।’’
भाजपा को भी इस उपचुनाव में महिला मतदाताओं का समर्थन मिलने का भरोसा है।
पार्टी प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया, ‘‘मईयां सम्मान योजना झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार का एक राजनीतिक हथकंडा है। इस योजना को लेकर महिलाओं में नाराजगी है, क्योंकि सरकार ने शुरुआत में 65 लाख लाभार्थियों को इसका लाभ दिया था, लेकिन 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद यह संख्या घटकर 40 लाख से भी कम रह गई।’’
उन्होंने कहा कि झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के शासन में राज्य में महिलाओं की सुरक्षा प्रमुख चिंताओं में से एक रही है।
शाहदेव ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध, जैसे बलात्कार, हत्या और अन्य मामले चरम पर हैं। राज्य की महिलाएं अब बदलाव चाहती हैं, जिसकी शुरुआत घाटशिला से होगी।’’
उन्होंने दावा किया कि महिला सशक्तीकरण भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्राथमिकता रही है।
शाहदेव ने कहा, ‘‘समाज की महिलाओं के उत्थान के लिए ‘उज्ज्वला’ योजना के तहत एलपीजी कनेक्शन, ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’, ‘मातृ वंदना’ कार्यक्रम जैसी कई योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की गईं। इसके अलावा, हाशिए पर पड़े आदिवासी समूहों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान योजना भी शुरू की गई।’’
झारखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के. रवि कुमार ने कहा कि राज्य के आदिवासी इलाकों में महिला मतदाताओं की संख्या आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अधिक होती है।
कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हमारे अवलोकन के अनुसार, आदिवासी बहुल क्षेत्रों में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा पुरुषों की तुलना में अधिक है। इसके अतिरिक्त, इन क्षेत्रों में लिंगानुपात महिलाओं के अनुकूल है।’’
घाटशिला उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर को होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।
झामुमो विधायक रामदास सोरेन के 15 अगस्त को निधन के कारण घाटशिला सीट के लिए उपचुनाव कराना आवश्यक हो गया था।
राज्य में सत्तारूढ़ झामुमो ने रामदास के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन को इस उपचुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है।
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए शुक्रवार को नाम वापसी की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 13 उम्मीदवार मैदान में हैं। उपचुनाव के लिए 300 मतदान केंद्र बनाए जा रहे हैं।
भाषा अमित नेत्रपाल
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