रांची, 21 मई (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कहा कि ‘ट्राईबल एडवाइजरी काउंसिल’ (टीएसी) की बैठक में आदिवासी भूमि की बिक्री और खरीद के लिए पुलिस थाने क्षेत्र की बाध्यता सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
सोरेन ने कहा कि संबंधित विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है और उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
सोरेन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बैठक के दौरान आदिवासी कल्याण, समावेशी विकास और आदिवासी भाषा, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। आदिवासी भूमि की बिक्री और खरीद के लिए पुलिस थाने की सीमा की बाध्यता पर भी चर्चा की गई।’’
छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम की धारा 46 के तहत आदिवासी भूमि को पुलिस थाने क्षेत्र के बाहर किसी को भी बेचने पर प्रतिबंध है।
इसमें कहा गया है कि आदिवासी अपनी जमीन को बिक्री, विनिमय, उपहार या वसीयत के माध्यम से किसी अन्य अनुसूचित जनजाति के सदस्य और अपने थाना क्षेत्र के निवासियों को हस्तांतरित कर सकते हैं।
बैठक का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने बहिष्कार किया।
सोरेन ने कहा, ‘‘यह कोई नयी बात नहीं है। जब भी वे विपक्ष में होते हैं तो वे सरकार के साथ सहयोग नहीं करते हैं।’’
टीएसी की बैठक करीब डेढ़ साल के अंतराल के बाद हुई। पिछली बैठक 16 नवंबर 2023 को हुई थी।
नीति आयोग की 24 मई को होने वाली बैठक के बारे में सोरेन ने कहा, ‘‘राज्यों के सर्वांगीण विकास में केंद्र की बड़ी भूमिका है। लोगों की बेहतरी के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर विभिन्न विभाग काम करते हैं और ये सभी आपस में जुड़े हुए हैं। ऐसे सभी मामलों पर विचार किया जाएगा।’’
भाषा खारी सुरेश
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